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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org वर्ण क्रम इस कोष में समस्त भाषा के शब्द देवनागरी भाषा की ध्वनि को हिन्दी वणों द्वारा प्रकट करने वर्णमाला के क्रमानुसार रखे गए हैं। अरबी, में कोई अड़चन उपस्थित नहीं होती । अन्य फारसी श्रादि अन्य भाषाओं के एकही वर्ण के भाषा में जो विशेष ध्वनियाँ आई हैं वे या तो समानोच्चारण वाले कई कई वर्ण यथा हिन्दी के एक ही ध्वनि के भेदोपभेद मात्र हैं अथवा वे केवल एक "ज" के स्थान में फारसी के जीम, इतनी आवश्यक नहीं और उनका समावेश अपनी जाल, जे, ज़, जाद, और जो प्रभृति अनेक मूल ध्वनि में हो सकता है। अतः देवनागरी "ज" के लिए क्रम में कोई भेद स्थिर नहीं किया वर्णक्रम में कोई परिवर्तन करना हमें उचित न गया है; वरन् "ज" मान कर ही उन्हें हिन्दी जान पड़ा : हाँ ! जो एक एक वर्ण के स्थान में वर्णक्रम में स्थान दिया गया है । शेष अन्य कई कई वर्ण पाए हैं उन्हें अथवा उनके किसी समस्त बों के लिए भी इसी भाँति समझ लेना विशेष उच्चारण को स्पष्ट करने के लिए कुछ चाहिए। चूँकि देवनागरी वर्णमाला अन्य किसी चिह्न मान लिए गए हैं। जिसके लिए वर्ण (लिपि भी भाषा की वर्णमाला की अपेक्षा अधिक पूर्ण तथा उच्चारण ) निर्णायक सूची का अवलोकन एवं स्वाभाविक है और उसमें इतनी पर्याप्त करिए । वर्णक्रम निम्न है :ध्वनियों का समावेश है, कि अन्य किसी भी अ आ इ ल ४ ए ऐ ई . ग उ ओ घ ऊ औ ङ ऋ अं च ऋ अः छ क ख ज झ ञ। 5 hrE प फ ब व श भ ष म स य क्ष र त्र ल श ह LIC For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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