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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ग्लेयापड्यूलिस की जाय तो यह असाध्य होता है और क़ह ( Couching ) के अयोग्य होता है । ग्ल कृमा ( Glaucoma ) - इं० । श्रग्लक्रूना इसी का वीकृत है । श्रग्याएड्यूलिसaglain edulis, 4. gry -ले० । लतेमहवा - नेपा० । सिनकदंग-लेप० । गुमी गारो की पहाड़ी तथा सिलहर में बोलते हैं। इसका फल खाने के कानमें थाता है । मे०मो० । अग्लेयाकुमायं aglaia kumayun -ले० गिरथन, गिदड़ाक, कानक- पं० । 1 या पॉलिटेकियाaglaia polystachya -ले | ग्लेया पॉलिटेकीन aglaia polystachi1- इं० बन्दूरपाला-बं० ई० है० गा० । अग्लेया रॉग्ज़ बयना aglaia Roxburghiana,mug. Dr. 20/- ले० थिंगु। अभ्र aghshara-० श्रवर | श्रग्शियह aghshiyah - ० ( ० च० ) निशा ( ए० च० ) कलाएँ, मिल्लियाँ, परदे - हिं० | मेम्ब्रेन्स ( Membranes ) - इं० । देखो शिशा ( कला ) । श्रशिहू जनीन aghshiyah janina--ऋo ८४ भ्रूणावरण ( Foetal membranes ) श्रग्शिय हू. जुलालियह aghshiyah zulali yah-ऋ० अग्शियह् बल्गमियह ( Mucous membranes ) श्रग्शियह, नुखाईग्रह aghshiyah mukhaaiyah - अ० सौषुम्नावरण ( Spinal membranes ) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रग्शयतुल जमीन श्रग्शियह माइयह aghshiyah-maiyah - अ० श्रावी झिल्लियाँ- उ० | जलीयावरण | देखो'गिशाय् माई' | सीरस मेम्ब्रेन्स ( Sorous membranes )-इं० । अशियह मुख तियह aghshiyah-muk• hàtiyah [अ० बलामी किस्तियाँ, लुझाबदार झिल्लियाँ-उ० । श्लैष्मिक कलाएँ हिं० । म्युकस मेम्ब्रेन्स (Mucous membranes)-इं० देखो - गिशा मुखाती । श्रग्यितुद्दिमाग़ aghshiya tuddimagha. - अ० सहायाया - अ० । परदादाय दिमा- का० दिमाग का मिल्लियाँ, दिमास के परड़े-उ० । मस्तिष्कीय कलाएं, मस्तिष्कावरण- हिं०। मेनिन्जीज्ञ (Meninges )-I'U नोट - ( १ ) यह दो मिल्लियाँ हैं जो मस्तिष्क पर लिपटी हुई हैं। इनमें प्रथम अंतरावरण, जो एक पतली झिल्ली है मस्तिष्क के चारों ओर लिपटी है, को उम्मरकीकु ( Piameter ) कहते हैं, और दूसरी वाह्यावरण, जो स्थूल होती और अस्थियों से चिपकी रहती है, उम्मग़लीज़ ( Durameter ) कहलाती हैं । ( २ ) यह उपयुक्त वर्णन यूनानी हकीमों का है, परन्तु अर्वाचीन छेड़नशाश्ध विदों के अन्वे के अनुसार उपर्युक्त दो झिल्लियों के अतिरिक्त एक मिलती और मालूम हुई है जो उन दोनोंके मध्य में स्थित है जिसे हिंदी में मध्यावरण और अरबी में अबूवी तथा अंगरेजी में थरकनॉइड ( Archanoid ) कहते हैं । विशेष विवरण यथा स्थान देखिए | श्रग्शियतुन्नुखाच aghshiyatunmukhaa ० अशियह नुखाइयह । परदाहाय नुखाश्रू, हराम भाज़ के ग़िलाक़ - उ० । सौषुम्नावरण -दि । मस्तिष्क के सहरा सुषुम्नां पर भी तीन झिल्लियाँ हैं । इनके नाम वही हैं जो मस्तिष्क की झिल्लियों के हैं ( Spinal membra nes )। श्रग्शियह वल्गमिय्यह aghshiyah-balgha miyyah अ० श्ररिशयह, जुजालिय ह्, बलामी झिल्लियां, लुनावी झिल्लियां उ० । श्लेघर कला, स्नैहिक कला, एक पतली चमकदार झिल्ली जिसकी सेलें एक चिकनाईदार तरल ( स्नेह ) बनाती हैं जिससे संधियां चिकनी और मुलायम रहती हैं । इससे उनकी गतिमें सरलता होती है। साइनोबियल मेम्ब्रेन्स ( Synovial mem- 'श्रशियतुल् जनीन aghshiyataljanina branes ze ! -- अ० शशियह, जनीन, जनीनके परदे, जनीनपर For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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