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________________ कहवा २४०६ कहवा निर्माण-क्रम-एक दानेदार जोशदार चूर्ण जो इस प्रकार प्रस्तुत होता है। सोडियम् बाइ कार्बोनेट ५१ भाग, टारटरिक एसिड २७ भाग, साइट्रिक एसिड १८ भाग, कैफ़ोन साइटूट ४ भाग और शकरा १४ भाग इनको परस्पर मिलाकर २१० फारन हाइट के उत्ताप पर इतना आँच दें कि वह दानादार चूर्ण बन जाय। फिर उसे चलनी में चाल लें और १३० फारन हाइट के उत्ताप पर शुष्क करले। मात्रा-६० से १२० ग्रेन ( ४ से ८ ग्राम)। कैफीन के नॉट ऑफिशल ( अनधिकृ) योग और पेटेंट औषध (१) एलिक्सिर कैफानी Elixir Caffeine अर्थात् कैफीन वा अक्सोर कहवीन । योग-कैफोन १७-५ भाग, डायल्युट हाइडो. ब्रोमिक एसिड (युनाइटेड स्टेट फार्माकोपिया) ४ भाग, सिरप डाफ काफ़ी अर्थात् शर्बत कहवा (नेशनल फार्म युलरी अमेरिका के अनुसार) २५० भाग, ऐरोमेटिक एलिक्सिर (संयुक्त राज्य अमेरिका) उतना जितने में एलिक्सिर पूरा एक सहस्र भाग हो जाय। शक्ति-इसके एक फ्लुइड ड्राम में १ ग्रेन कैफीन होती है। मात्रा-१ से २ फ्लुड ड्राम= (६.६ से ७.१ घन शतांशमीटर )। (२) कैफ़ोनी एमोनियोसाइट्रास (aff. einae ammonio-Citras इसके श्वेत स्फटिक होते हैं जो पानी में कम घुलते हैं। मात्रा-१ से १० ग्रेन । (३) केफानी हाइब्रोमाइडम् Caffeinai Hydrobromidum- इसके स्वच्छ स्फटिक होते हैं जो एक भाग १२ भाग जल में विलीन हो जाते हैं। मात्रा-१ से ४ ग्रेन-(.०६ से २६ ग्राम)। (४) कैफीनीहाइड्रोब्रोमाइडम्एफ़रवेसस Caffeinae Hydro bromidum Effer vescens. इसके ५० ग्रेन में २ ग्रेन हाइड्रोब्रोमाइड होते हैं । मात्रा-६० से १२० मेन-(४ से ८ ग्राम)। रल CaffeineChloral-1 इसकी छोटी छोटी सफ़ेद दानेदार कलमें होती हैं जो जल में सुविलेय होती हैं। गुण तथा उपयोग-यह वेदनास्थापक और कोष्ठमृदुकर है। मलावष्टंभ, प्राध्मान, गृध्रसी और आमवात में इसके ३ से ८ (०.२ मेन से ०.५ ग्राम) का त्वगीय अंतः क्षेप उपकारी सिद्ध होती है। (६) कैफीना एट सोडियाई सैलिसिलास Caffeina et Sodii Salicylas कैफीनी साडियो सैलीसिलास Caffeine Sodio Salicylas-यह एक प्रकार का श्वेतवर्ण का चूर्ण है जो एक भाग २ भाग जल में और एक भाग २८ भाग सुरासार (800/0) में विलीन हो जाता है। इसके गुणधर्म डिजिट. लिस की तरह नहीं होते हैं । यही नहीं अपितु घुलनशील होने के कारण यह डिजिटेलिस की तरह है। यही नहीं अपितु घुलनशील होने के कारण यह डिजिटेलिसकी अपेक्षा प्राशु प्रभावकारी होती है। योग यह हैकाफोन ५; सोडियाई सैलिसिलास ६, जल २०, इनको यहाँ तक वाष्पीभूत करें कि ये शुष्क होजायँ । इसमें ४७ से ५० प्रतिशत काफीन होती है। मात्रा-५ से १५ ग्रेन वा ०.३ से १ ग्राम मुख द्वारा, २ से ५ ग्रेन वा ०.१२ से ३ ग्राम त्वगधोऽन्तःक्षेप द्वारा। कैफीनी डाई आयोडो हाइड्रो ब्रोमाइडम् Caffeine Di-Iodo Hydrobromidum-त्रिगुण आयोडीन घटित कहवीन । इसको कैफीन ट्राई आयोडीन भी कहतेहैं । इसकी मंशूरी कलमें होती हैं । स्वर्गीय डाक्टर मार्टीमर के परीक्षणानुसार गाउट (वातरक्क) रोग में इस औषधि के उपयोग से अति शीघ्र लाभ होता है। यह आमवात (Rheumatism) में भी गुणकारी है। मात्रा-१ से ३ ग्रेन वटिका रूप में प्रयुक्त करें । ग्ल्युकोज़ और पल्व एकेशिया से इसको वटिकायें प्रस्तुत करना चाहिये।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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