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________________ क़त रान चोबी १६४८ कद __ परीक्षित योग | क़त्लुन्नास-[अ० ] आत्म हत्या । खुदकुशी । (१) अंग्वेण्टम् पाइसिस लिक्विडी, Suicide. अंग्वेण्टम् हाइड्रार्जिराई एमोनिएटी पैराफीनम्मॉली | क़त्लुल जनीन-[अ०] भ्रूणहत्या । Feticide सबको समांश में लेकर मरहम बनायें। यह | क़त्लुल तिफ़्ल-[अ० ] बाल हत्या । शिशु वध । विचचिका में लाभकारी है। Infanticide (२) नैफ्थेलीन १ ड्राम, | कल्सवर-संज्ञा पुं० [सं० की.] स्कन्ध । कन्धा । अंग्वेण्टम् पाइसिस लिक्विडो १ पाउंस, | कथ-संज्ञा पु० [हिं० कत्था ] खैर । कत्था । अंग्वेण्टम् सल्फ्युरस ७ अाउंस, | कथई-संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] लोखंडी | Sainadera' सबको मिलाकर मरहम प्रस्तुत करें। यह Indica कण्डू में उपकारी है। कथ-कीकर-संज्ञा पु० [हिं० कत्था+कीकर ] खैर का (३) लाइकर पाइसिस एरोमेटिकस २० मि० पेड़। . सिरुपस प्रूनी वर्जियानो ३० मि० कथबोल-संज्ञा पुं० [हिं० कत्था+बोल ] कत्था और सिरुपस कोडीनी ३० मि० __बोल का एक यौगिक जो प्रसूता स्त्रियों को प्रसव इन्फ्युजम् कस्करेली आउंस पर्यन्त के बाद ताकत और दूध बढ़ाने के लिये प्रायः ऐसी एक-एक मात्रा औषध दिन में तीन बार दिया जाता है । देवें । यह शारदीय कास ( Winter | कथरी-मंज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] कंथारी । रा०नि० Cough ) और जीर्ण कास में लाभकारी है। व०८ । क़त रान चोबी-[फा० ] कांतरान । चुडैल का तेल । कथाप्रसङ्ग-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] विष वैद्य । सँपेरा । दे० "क़त रान'। मदारी। क़त रान जगाल संग-[फा०] अलकतरा । कोलटार । | वि० [सं०नि०] वातुल । बहुत बोलनेवाला । कीर। पागल | त्रिका० । क़त रान फरआन्-[१०] एक प्रकार का क़त रान । | कथिका-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री.] तक्रादि साधित क़त रान म कूद-[अ०] जिफ़्त । खाद्य-द्रव्य विशेष, एक प्रकार का सालन । कढ़ी। क़त रान मदनी-[अ०] अलकतरा । कोलटार ।। महेरी । दे. "कढ़ी" यह पाचन, रुचिकारी, लघु, क़ीर । वह्निदीपक, कफ-वात तथा विबन्धन और किंचित पित्त प्रकोपक है । वै० निघ० । वि० दे० कढ़ी" । क़त रान मदनी मुसफ्का-अ.] साफ़ किया कथीर-संज्ञा पुं० [सं० कस्तीर, पा०कत्थोर ] राँगा । हुअा अलकतरा । साफ को हुई कोलटार । कार मुसका। हिरनखुरी राँगा । वंग । कस्तीर । कथीरा-[?] कतीरा । कसोरा (अ)। क़त रान सनोबर-[अ० ] एक प्रकार का क़त्रान । कथी (.सी) रुल रकब-[अ०] शुकाई । कंगरक़त रान स्टाकहाल्म-[अं०] क़त रान । कांतरान । खार । चुड़ल का तेल । कथील, कथीला-संज्ञा पु० दे० "कथीर"। क़त राय-[?] करील । कबर । कथु-[ को] खैर । कत्था। कत्सवर-संज्ञा पुं० [सं० को०] कंधा । स्कंध । | कथुइम शिकुआ-[ मल0 ] महावरी वच । श० च०। कथो-[ गु० ] खैर । कत्था। क़ल-[१०] (१)वध । हत्या । मारना । (२) | कथोरी-[ सिं०] जंगली हुरहुर । वह स्थान जहां पर आघात पहुंचने पर मनुष्य कद-संज्ञा पु. [ सं कम्=जल+द, ददाति ] बादल । की मृत्यु हो जाय । मर्म स्थान । कित्ल । मेघ । कल्लुल् इंसान-[१०] मनुष्य वध । Homicide वि० [सं० वि० ] पानी देनेवाला । जलदाता ।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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