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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रक्जाज श्रफ्नह अक्ज़ाज़ kzazit-अ. कनि शीन लगना, अकतार पार्जिय्यह_ agtar khar jiyya.hकरन, कापना। अ० शरीरकी बाल दूरियाँ, अंतर (IExternal अकज़ार ।[/ain - अ.(व० व० ) कज़र (१०] Dimstars.) व०) कम फ़त, निजापत, गंदगी-फा० । मेलापन, अकतारदाखिलिग्राह agtar-lakti-liyy...श्रशुद्धि-हिं० । फिल्थ्ज (Elths)-३०।। अ० शरीर की प्राभ्यन्तरिक दृरियाँ (अन्तर, अकaktni-अ० जिसकी अंगलियाँ हथेली फासले ) ( Int.yal Diam: ters. ) की और फिरी हुई हो। अकतारस ल.स.ह. aqtar-salāsah-अ० शरीर अकन अ.autna-अ० छदित हस्त, कटाहुश्रा हाथ, की दरीत्रय, घनमार अर्थात् लम्बाई, चौड़ाई व विछिन्न हाथ । गहराई। अ-इक अगर a-i-qtaarazil-अ० हाँपना, अकृतियूस antiyusn-यू० अक्रतीकस-अ० । हाँफना ( Topant, To to out of यह युनानी भाषाका शब्द है, जिसका अर्थ सत्य व breath.) स्थिर होता है, किंतु तिव्य की परिभाषामें तपेदिक श्रक akti-ह. वि० सं० (Smarol, (राजया , नय ) को करते हैं। हेक्टिक फीवर Anointori) व्याप्त । संयुक्त । सफल । युक। (Hectic Fever)-'ol रँगा हुअा। लिप्त । भरा हुआ। नाट-पह प्रत्यक्ष रूप से शब्दों के पीछे अअ)क द aanda-अ० (ए० व०)गिरह लगाना, गां; देना, आँधना, ग्रंथि देना-हिं० जोड़ा जाता है ; जैसे-विषाक, रक। तरल पदार्थों का स.न्द्र ( गादा ) हो जाना, ध अकतद aktad-अ० उच्च कंधावाला, ऊँचे कंधा जाना, धनोभून होना । अकट (व० व०)। " वाला मनुष्य ।। । अक दह aailah-अ० लुनते- जुबान, अकतन atana-अ० कूजपुश्न-फा० कुबड़ा, कजा : जुदान की लुनन-फा० । हकलाना, तुतलाना, - हम वैक्ड (Hump-buckl) इं०।। शुद्ध शब्द का न निकलना । स्टेमरिंग (Sta. अक नम (111-अ. रक्षणं, श्यानतायुक, : inm.ring ), ***THIT (Balbaties) श्यामा मा युकरर वर्णीय कारुरा (मूत्र) या 3. : निरा रेड (Brownish l)-इं। अक्दह aaklah-अ० (१)बीख जुवान-फा० । श्रका akta-सं० स्त्रो० (might) रात्रि। जिह्वामूल, जुबान की जड़-हिं । (२) हृदय अकृतात atata-अ० घुघराले (लहराए, मुड़े मून अथवा हृदयाधार, (३) मध्य हृदय । बालों वाला पुरुष । कर्ल हेयई ( (11 अक दोदूस aditlus -अ० देखो-ग़दीस । hibited)-६०। अक्न inhit-अ० चोन, शिकन-फ.. । झुरी . अक्नाद | aktaiti [व० व.] कनिद् [प. पड़ना, सिकुड़न, चली जो मेदावी होने के कारण .३० -अ० स्कन्ध, तथा मध्य स्थल पृष्ठ उदर पर पड़ जाय । बलि:-सं० । रिलि की दूरी (Shoulder)। । (wrinkle )-ई। अक्ताफ़ aktafa-अ० (२०व०), कतिक | श्रक नफ aqnafa-अ० लघुकर्ण बाला, छोटे छोटे (१०व०) स्कन्ध, कंधे। शोल्डर्स(Shoul- कान कान वाला-हिं०। (Small eurel )। (lets)-३०। ! अकनह, aakyah-अ० सूरिज्ञान (Hermअक्तार aqtar-अ. (व०५०) कृत ( T o dactylius)। स.फो । व०) शारीरिक दूरियाँ, व्यास, चौड़ाई, अधकट । अकनह. aknah-स.बरलदिनय्यह, दुहनिय्य ह. डायमीटर्म (Diameters)-०। और न्युम्सबा-अ० । यौवन विडिका, .कील, For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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