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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्रग । इंजेक्शयो ( Inj. Ergotini. 11ypot. )अगदी स्वस्थ श्रन्तःक्षेप | www.kobatirth.org अटोनो हाइपोडर्मिका ६५१ शक्ति प्रगोटीन १०० ग्रेन, कैम्फर वाटर २०० फ्लुइड ग्रे० | मात्रा - ३ से १० मिनिम | ( ११ ) अर्गोटोनीन Ergotinine यह एक ऐलकलाइड ( क्षारोद ) है जो अर्गट से प्राप्त होता है। इसके सूदन श्वेत स्फटिक ( खे ) हाते हैं जो वायु एवं प्रकाश के प्रभाव से कृष्ण वर्ण के हो जाया करते हैं । टॉक्सीन का अनुहाइ ० I नोट ---अधुना यह ड्राइड माना जाता विलेयता- - यह एक भाग ( माप में ) ३३भाग ( माप में ) शुद्ध सत्र ( Absolute Alcohol) में, तथा५० फ़ारनहाइट के उत्तार पर विलीन होजाता है। और एकभाग २२० भाग शुद्ध ईश्वर ( Absolute Ather. ) में, एक भाग ६१ भाग ईथिल ऐसीटेट में, १ भाग २६ भाग एसीटोन में, १ भाग ७७ भाग खौलते हुए बेन्ज़ीन में, १ भाग ५२ भाग खौलते हुए ईश्रिया: ऐलकोहल में और १ भाग ५६ भाग मीथिल ऐलकोहल में विलीन हो जाता है । 1 : नोट -- श्रगेोटीनीन और सम्पूर्ण विलायक | द्रव्यों के भाग द्रव्यमान ( श्रायतन ) के अनुसार नहीं, प्रत्युत माप के अनुसार हैं । गुणधर्म तथा उपयोग -- प्रभाव में यह दिन की अपेक्षा अधिकतर शक्तिशाली है । after पादक बात-तन्सु-विकार, विशेषतः । fantsfâ, waiaùz, ( Basedow's (disease ) और वस्तिकी वातग्रस्तताकी दशा में इसका प्रयोग करते हैं। अगर सत्व ( Fix• tract of ergot ) के अन्तःक्षेप की अपेक्षा 12टीनीनी का प्रेम की मात्रा क ३०० स्वगधोऽन्तःक्षेप श्रधिकतर लाभ प्रदर्शित करता है | मॉर्फीन इंजेक्शन ( ग्रहिफेनीन धन्तःक्षेप ) की अपेक्षा अधिक वेदना नहीं उत्पन्न करते अपितु अपेक्षाकृत वेदना रहित हैं ), और शोभ या किसी अन्य प्रकार के कुलना नहीं उपस्थित करते । (प्रोफेसर युलेनवर्ग ) । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir डॉक्टर मरेल Dr. Murre] ) को यक्ष्माजन्म फुप्फुसीय रकनिलीयन में कई दिन तक स्वस्राव अवरुद्ध रखनेके लिए साधारणतः इसका एक थन्तःक्षेप ही पर्याप्त सिद्ध हुआ है। प्रसव के पश्चात् की चिकित्सा एवं स्क्रस्रुति के कतिपय अन्य भेदों में इसका सफलतापूर्वक त्वकस्थ श्रन्तःक्षेप किया जा सकता है। I श्रा 9 मात्रा- सेना इसको साधारणतः त्वक्स्थ 320 ४० सूचीवेध द्वारा प्रयुक्त करते हैं । श्रतः श्रर्गोटोनीन १ ग्रेन, लैक्टिक एसिड २ मिनिम, क्लोरोफॉर्म १००० मिनिम को मिलाकर इसमें से ५ मे १० मिनिम, लेकर स्वस्थ सूचीवेध द्वारा प्रयुक्र करते हैं । (१२) टीनी साइट्रास (Ergotihe Citras.) और (१३) अगं टीनी हाइडोक्लोराइड ( Ergotina Hydrochloride ) - यह दोनों श्रगेोदीनीन द्वारा निर्मित धूसर वर्ण के चूर्ण हैं जो जलविलेय होते हैं । ग्रेन | इनमें से प्रथम का मात्रा से १ きか अन्तःक्षेप किया जा सकता है। (१४) श्रगटॉक्सीन (Ergotoxine) - यह एक लघु श्वेत वर्ण का चूर्ण होता है जो शीतल ऐलकोहल तथा सोडियम हाइड्रोक्साइड के विलयन में विलीन हो जाता है । For Private and Personal Use Only इससे हाइड्रोक्लोराइड ( उज्जहरिद ), श्रीक्लेट ( काण्डेत् ) और स्फुरेत लवणों का निर्माण ता I 100 मात्रा- सेग्रेन । यह कॉम्युटीन, एकबोलीन और हाइड्रो- श्रगटीनीन नाम से भी प्रख्यात है । नोट- अरोटीन यद्यपि ब्रिटिश फार्माकोपिया के एक्सट्रैक्ट श्रॉफ श्रट का पर्याय है, तथापि उसके अतिरिक्र इसके कई एक व्यापारिक भेद हैं जिनमें मे कतिपय निम्न हैं :
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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