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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अफ लार्नस ४२० अफसन्तीन प्रसिद्ध दार्शनिक और चिकित्साशास्त्र के प्रमुख अरु शुरह. afshurah-फा० वस्तुतः "प्रपशु. एवं कुशल पंडित थे। प्रापको गणितशास्त्र से पर प्रयोगाधिक्य के कारण "अफ्शुरह" भी बहुत प्रेम था | आप सुकरात के अनुयायी हो गया है । फलों का निचोड़ा हुअा जल । और अरस्तू के गुरु धे । ईसवी सन् से ३४७ वर्ष : juice (Secus ). पूर्व एक्कासी ८१ वर्ष की अवस्था में प्रापका देहांत अफ शुदह afshurdah-फा. रस, स्वरस, हुया ! अापने अनेक ग्रन्थों की रचना की जिनमें निचोड़-हि. 1 juice (Steels). से कई एक प्राज भी उपलब्ध हैं। afshurdahe-banka-फा० अफ्लास a flar tasa-यु० छोटी माई का वृक्ष, : : अजवाइन खुरासानी का रस । (.juice of फरोमवृक्ष । (Tharix Orientalis, ! Tyoscyams). Vuhl. (Gelly of-Tamarix Galls.) . अफ शुर्द हे शौकगन uishudahes.shouka. अपलासून aflashna-यु. मूली का तेल । Tana-फा० कोनाइम अर्थात् शौकरान का रस । ( Radish oil ). (Juice of conium). अपलोकान aflikinn) -० (१) चिबुक । अफ़.स afs-अ० माजूफल, माफल-हिं! मायी, अफीकान afikina की दोनों अस्थियों . मायिका-सं० । Galls ((daln). के किनारे जो मिल गए हैं। (२)का में कम्वे के पास जो मांस के दो लोथड़े हैं। अफ़ सन्तान afsantin-अ०रू..,य.(हिपु.) पार्टिमिसियाऐसिन्धियम Artemisin Abआपलीज afliju-अ० पक्षाघात का रोगी, फ्रालिज का रोगी । ( Puralytic.) sinthium, im., एडिसन्धियम् वल्गेरी Absinthium Vulgare, Coerin., अफ्लुनिया afluniya -अ. एक मजून प्रार्टिमिसिया प्रॉफ्रिशिनल Artemisin offiफनूनिया faluniya का नाम है जो अपने रूमी आविष्कर्ता हकीम अफ्लन के नाम से । cival, Lam., ufafan Artemisia प्रसिद्ध है। यह वेदनाशामक है। (शुष्क हुप) -ले। वर्म वुड Worm अफवात afvati-अ. अंगुलियों के बीच की : Wood, मग-बर्ट Mag.wort, दी एडिसन्थ दूरी । ( Distance between fing. ! (the absin th)-ई० । खतरक-० । Crs ) ऐसिन्थियून ( Apsinthion )-यू. । म्य बन शह , महफा विलायती अफ़. अफवाफ़ Ifvāfu-१० ( ब. व.), फ्रौफ (ए. य०) नखों के किनारों के श्वेत विन्दु। सन्तीन-हिए, द०। (पार्वतीय अफ सम्तीन ; अफ बोलन afvoluna-बरब० बरमेह (एक . खल; (बुरे प्रकार का) वमीह.-मिश्र । अप्रसिद्ध वृक्ष ) । ( An unimportant मिश्र वा सेवती वर्ग troe. ) (N. O. Composite.) अफश की afsharniki-यु० शुकाई (भा० उत्पत्ति स्थान--उत्तरी अफरीका, दक्षिण बाज़ा०)। The herb. (Sce-shukai). अमेरिका, युरुप के कतिपय पार्वतीय प्रदेश, अफशसीको afshasiki-फा० अज्ञात है। । एशिया में साइबेरिया, मंगोलिया, खुरासन और अफ़शुरज afshurat ) -अ. भारतवर्ष के कतिपय पर्वतीय प्रदेश, काशमीर अफ शुरूज afshurija ) अाशुरह तथा नैपाल इत्यादि। या अफ्शुर्दह, का अकृ० पद है। जिसका अर्थ वानस्पतिक-वर्णन--यह शोह का दौना के ताजा फल अथवा वनस्पतियों का निचोड़, अर्थात् प्रकार की एक बूटी है। कांड-तृण कांडबत् निचोड़ा हुअा रस, स्वरस अथवा प्रक्र होता सरल एवं शाखामय होता है। शाखा-श्वेत लोमों से भावन होता है। शाखा पर असंख्य For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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