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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org फ्यून मुदम्बर फ लालूम अयून मुदंडवर afyún mudabbar - फु० / अफ्रीकी ज़हर पैक afriqi-zahra-paikán अफीम को गुलाब जल में भिगोकर छानें, पुनः यु०, ( Strychnos Bordean ). अदिस afridas- यु० इज़खिर | SeeTzkhir. श्रक्रोस्स afrismús - अ० सतत शिश्न प्रह पण अर्थात् बिना कामेच्छा के भी सदा शिश्न का प्रहृष्ट (दृढ़, उत्त ेजित ) रहना । देखो - फुर्सीमूस । प्रायापिज़्म ( Priapism ) - इं० । फ्रोजनafrúdi jan- यु० मिट्टी भेद । ( A kind of carth. ) । सालीस afrúsálisअफसाल्यूस afrúsályús इतना पकाएँ कि गोली बाँधने के योग्य हो जाए । आयुर्वेदिक विधि के लिए देखो -पोस्ता । अन स्मर्ना afyúna-smarna-फा०] अफ़्यून | तुर्की, एशिया कांचक की क्रीम, Turkey opium, Smyrna ( Levant ) opium. इसके टुकड़े चौथाई घाउ स से लेकर अर्ध पाउण्ड तक भारी होते हैं जिनपर पोस्ते के पते लिपटे हुए और उनपर चूकाबीज छिड़के हुए होते हैं । अन हिन्दी afyúna-hindi- फा० सरकारी अफीम । यह तीन प्रकार की होती है, ( 1 ) भोले की क्रीम, ( २ ) अफ़्यून श्रावकारी और ( ३ ) औषधीय क्रीम । इसकी छोटी छोटी डलियाँ अथवा चूर्ण' होता है । यह पटना में बनता है। इनके अतिरिक्त अफ़्यून मिश्री, युनानी, अंगरेजी, जर्मनी और फ्रांसीसी भी होते हैं । यु० चन्द्रकान्त ( हल कुमर ) एक प्रकार का पत्थर है । ( A kind of stone. ) अपलज aflaj श्र० वह मनुष्य जिसका निम्न प्रोष्ट फटा हुआ हो अर्थात् जिसके श्रधः प्रष्ट में चीरा पड़ी हो । अफ्यूर afyúr - यु० बीज । ( Seed ). अफ़्यूर सफ़ साफ़न afyur-safsáfan-यु० तुख्म खुब्बाज़ी | See-khubbázi. अपयूस afyús - यु० जंगली मूली । wild ra• dish ). ४१६ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अझ ज afraj - अ० जिसके निकले हुए हों । श्रफ ओ afranji - अ० कृ० ( श्रङ्गी से ), मिश्र के लोग उपदंश रोग के लिए बोलते हैं । (Syphilis. ) अक्र.म afram-० गये हों । अक्र. स्थून afrásyun - यु० विषखपरा ( हिन्दक्रूक्री), पुनर्नवा । (Boerhavia Diffusa). अफ्रीक afriq-० १७ से २० श्रौक्रियह, तक का माप या वजन ( = ४७ तो० ६ मा० ) । अफ्रीकन ऐरो पॉइज़न african arrow, poison- ई० स्ट्रोफैन्थस (Strophan - thus.). 1 अफ़्लञ्जह ्म aflanjah फ़्लअह flanjah - अ० फूल, फिरंगी पुष्प । ये रक्त राई के समान बीज हैं अर्थात् एक प्रकार के पीत बीज होते हैं। सर्वोत्तम वे होते हैं जिनको हाथमें मलने से सेब की गंध आए। इनका स्वाद तिक होता है । ये प्रायः इतरोंमें प्रयुक्त होते हैं । मअजून श्रादिमें भी डाले जाते हैं | उद्भवस्थान - भारतवर्षं । श्रग्रदन्त बाहर अफलातुन aflátan श्र०, यु० मुक्कूल, मुकले, अर्ज़ | गूगल - हिं०, द० । गुग्गुलुः-सं० । (Balsamodendron agallocha, W. &. A. (Resin of-Bdellium) स० [फा० ई० । श्रापका जन्म प्लेटो Plato -ई० । यूनानी भाषा में अक्रूलातून का अर्थ प्रकाण्ड विद्वान् है । यह एक प्रख्यात हकीम थे । ईसवी सन् से ४२७ वर्ष पूर्व एज़ ( यूनान की राजधानी ) नगर में हुआ । आपके पिता यूनान के प्रतिष्ठित व्यक्तियों तथा हकीम अस्कलीबियूस ( Ascle pios) की संतानों में से थे । अपने कालके श्राप I पोपला, जिसके दाँत टूट अफलातून aflátúna - यू० फ़्ला तुन flatuna - श्र० For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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