SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 96
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अकबर की धार्मिक नीति बादशाह गौतम नामक एक ब्राह्मण पंडित को, जिससे बारम्भ में सिंहासन बत्तीसी का अनुवाद कराया गया था, प्राय: जुलवा कर बहुत सी बाते पूछा और जाना करता था । महल के ऊपरी भाग में एक कमरा था, जो ख्वाबगाह ( शयनागार ) कहलाता था । अकबर उसकी खिड़की में बैठता था और स्वान्त के समय देवी नामक ब्राह्मण को जो महाभारत का अनुवाद कराया करता था, एक चारपाई पर बैठा कर रस्सियों से ऊपर सिंचवा लिया करता था । इस प्रकार वह ब्रासण अधर में लटकता रहता! था, न जमीन पर रहता था । और न बासमान पर । अकबर उससे अग्नि सूर्य, गृह, प्रत्येक देवी और देवता, ब्रह्मा, विष्णु, महेश और कृष्ण व राम नादि की पूजावों के प्रकार और मंत्र आदि सीसा करता था और हिन्दुओं की धार्मिक सिद्धान्त तथा पौराणिक कथाएँ वादि बहुत ती - ध्यान और शोक से सुना करता था और पाहता था कि हिन्दुओं के सभी पार्मिक ग्रन्थों के अनुवाद हो जाये । “२ बीरबल ने अकबर को सूर्य वौर नपात्रों की पूजा करने का परामर्श पिया बौर कहा कि मनुष्य के काम में आने वाले फल - मूर, घास पात आदि सब पदार्थ सूर्य ही के प्रताप से उत्पन्न होते है । अंधकार को दूर कर जगत में प्रकाश फैलाने वाला मी सूर्य ही है । अत: सूर्य की उपासना करनी चाहिए । उसे यह परामर्श दिया गया कि वह अपने सिंहासनारोहण का दिवस इसी नौरोज के दिन मनाये । १५७७ में वह वृन्दावन में विट्सले श्वर से भेंट करने गया । वहां पर उनकी पवित्रता, अलौकिक - व्यक्तिव, अनुपम भक्ति और ज्ञान से अत्याधिक प्रभावित हुआ । हिन्दू धर्माचायाँ का अकबर पर प्रभाव : हिन्दु धर्माचार्यों के प्रवचनों से उकबर को हिन्दुओं के देवी देवताओं और अवतारों के प्रति श्रद्धा हो गयी थी और हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारी २ अकवरी दरवार - पहला माग हिन्दी ब्लुवादक रामचन्द्र वा पृ०१३४-१५ For Private And Personal Use Only
SR No.020023
Book TitleAkbar ki Dharmik Niti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNina Jain
PublisherMaharani Lakshmibhai Kala evam Vanijya Mahavidyalay
Publication Year1977
Total Pages155
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy