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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Bਦ ਛੀ ਸੰਠ ਸੰਥਿ ५, उसने मुसलिम तीर्थ यात्रियों को प्रोत्साहित नहीं किया । मुसलमानों की हब के यात्रियों को राजकीय घन से भेजना बन्द कर दिया था। ६. अकबर नै एड मसजि गिरवा दी थीं कुछ को पा विरुद्ध कार्मा में उपयोग करना प्रारम्भ कर दिया था | मुड मसजि को लूटा और कई मग्न व गिरती हुई मसजिदों का जीणोद्वार नहीं करवाया। ७. अकबर ने अपनी मुसलमान प्रजा को हवामत करा कर दाड़ी बनाने की बनुमति दे दी थी तथा जुवा खेलने व सद लेने की अनुमति दे दी जबकि इस्लाम में हन बातों का निर्णष है। ८. अकबर ने बयान के लिये बनी दीवारों को तड़वा दिया । €. And th : Says - The 81J dah or prostration, hitherto considered la wul only in divino worship, was declared to be the duo of the emperor...25. १०. अकबर ने खुतबा पढ़ा वीर मजहर अथवा बभ्रान्त बाज्ञा पत्र प्रसारित किया । बवानी का कहना है कि महजर पर मुल्लार्वा व शेखों से जबरदस्ती हस्तातर करा लिये गये । २६ ११ अकबर ने हिन्दुओं का पड़ा देकर गोवय बन्द करा दिया, सूर्य व वग्नि की पूजा करने लगा तथा हिन्दू संस्कारों को अपनाने लगा। १२ दीनालाही के मुसलिम अनुयायियों के पैर पश्चिम की बोर अर्थात मुकपानी के तीर्थ स्थान मक्का की बोर तथा सिर पर्व की बोर रख कर • दफनाया जाता था । जब कि मुसलमानों को पश्चिम की ओर सिर तथा पूर्व की बौर पर रख कर दफनाया जाता था । १३. बकबर नै वरवी मामा को प्रोत्साहन नहीं दिया और कुरान की प्रतियां नष्ट करवा दी। 125- Smath : Akbar the great mosal P. 220. 12641-Badaani Trans. by h.H. Lover val. II P. 287 For Private And Personal Use Only
SR No.020023
Book TitleAkbar ki Dharmik Niti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNina Jain
PublisherMaharani Lakshmibhai Kala evam Vanijya Mahavidyalay
Publication Year1977
Total Pages155
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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