SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 26
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ८७ ૯૮ ८९ ९० ९१ ********** www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir ६, १५५,२००, २०१, २०२, २०३, २०४, २०५, २०६, २०७, २०८, २०९ एतेषां गुडेनसह गुटीकां | कृत्वा भक्षते श्वासकासरुधिरविकारदुर्वलता याति | २ सुंठ १५५ अरडुसा २०० कायफल २०१ भाडंगी २०२ सढी २०३ रोहिणीछाल• २०४ खैरसार २०५ लोहपुर २०६ कुलिंजन २०७ पुष्करमूल २०८ पाठ २०९ सरसु सब दवाको गुडकेसाथ गोली बनाकर खावे श्वासकांस रुधिर विकार कमजोरी सब जावे | २३०, २३१, ४९ उष्णोदकेनसह घृष्ट्वा शिशोश्च दीयते घूर्माया २३०, गुह्येोदेवदारु २३१ धमासो ४९ रतांजनी (लालचंदन) गरम पानीसे घसकर बालकको देवे घूर्माजावे | २२२ अयमेको २१ गोदुग्धेनसह पाप्यते स्त्रीणां नालपरावर्तो भवति २२२ कालीवुइ २१ सहदेवी गायकेदुधकेसाथ पिलावे स्त्री नालपरावर्त २१ नम्बरका लेख नाल परावर्त देखो | २२९ गुडेनसह गुटीकां कृत्वा पुष्पसमये दीयते पुष्पवृद्धिः २२९ उभीरांगणी गुडकेसाथ गोली करके ऋतुसमयमें देवे पुष्पवृद्धिः २२५, ३, ९, ५९, २२७ टंकत्रयप्रमाणं सर्वोषधं भृंगराजरस टंक ९ नवप्रमाणं तैलं पंचदश टंकप्रमाणं सर्वानेकी कृत्य गात्रे मर्यते भोजने गोधूमधुलिका गोदुग्धेनसह भुज्यते उपदेशो याति | २२५ जलोकामृत ३ फिटकडी ९ पारो ५९ गंधक २२७ कलायरो सब दवा दा. ३ तोला १ भागरारस टा. ९ For Private And Personal Use Only प्रमत्र मात्र आकाशुगार्मिनी विद्याकल्प २४
SR No.020022
Book TitleAkashgamini Padlepvidhi kalpa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddh Nagarjun
PublisherJain Prachin Sahityoddhar Granthawali
Publication Year1941
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy