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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २३५ मध्यकाल में अग्रवाल जाति दीवान नन्नूमल सुनाम नामक गांव का निवासी था, और जाति से अग्रवाल था । ऐतिहासिक ग्रीफिथ ने उसकी वीरता, कार्य कुशलता तथा योग्यता की भूरि भूरि प्रशंसा की है। उसने लिखा है-“वह बड़ा अनुभवी तथा सच्चा मनुष्य था । उसने क्या रणक्षेत्र और क्या राजसभादोनों में राजा अमरसिंह के लिए बड़ा उत्तम कार्य किया।" उसके लड़के साहिबसिंह का राज्य भी जो संभाल रहा, वह नन्नूमल का ही कर्तृत्व था। (ग्रीफिन के Panjaly Rajas से संकलित ) बनारस का राय परिवार इस परिवार के सब से प्रसिद्ध पुरुष राय रामप्रताप हुवे हैं। ये प्रसिद्ध मुगल सम्राट अकबर के समय में जनाने महल के दारोगा थे । इनकी प्रतिभा तथा योग्यता से प्रसन्न होकर अकबर ने इन्हें वंशपरम्परागत रूप से 'राय' का खिताब दिया। अबतक भी रामप्रताप के वंशज अपने नाम के साथ 'राय' लगाते हैं। साथ ही, अकबर ने रामप्रताप को 'आली खानदान' का सम्मान प्रदान किया। इसके अतिरिक्त शाही मुहर से अंकित एक बहुमूल्य नौलखा हार भी अकबर की तरफ से रामप्रताप को उपहार में मिला था, जो अब तक उनके वंशजों के पास है। अकबर बड़ा गुणग्राही सम्राट था। उसके समय में बहुत से हिन्दुओं ने अपनी योग्यता के कारण ही ऊंचे ऊंचे पद प्राप्त किये और असाधारण उन्नति की । राय रामप्रताप इनमें से एक थे। For Private and Personal Use Only
SR No.020021
Book TitleAgarwal Jati Ka Prachin Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyaketu Vidyalankar
PublisherAkhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
Publication Year1938
Total Pages309
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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