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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir । । १०६० विकृतिविज्ञान विषय पृष्ठ | विषय पृष्ठ । घिषय पृष्ठ यमपुरस्थग्रन्थिपाक ५६९ युक्ताग्नि ९५४ श्रोणांशिक बृहत्कायायमपूयवृकाणूत्कर्ष ५६८ युगकवकरोग ६५२ ___ण्विकपरमवर्णिक ८६८ यक्षमा ४९३ योनिकन्द सम्प्राप्ति १०७१ - बृहत्कायाण्विक - अनुहृषता तथा योनिन्यापद - " म्लायावजन्य९०४ प्रतीकारिता ५१५ रंगदेशना ८७० - मजक्षयिक ९१३ यक्ष्मा अस्थि ५२० रक्तकोठोद्गम ३८५ -मिङ्काउस्की आन्त्र ५५६ रक्तक्षय ८८७ चौफार्ड प्रकार ९२९ उण्डकीय ५६२ - अनघटित अनभि -लोहाभावी ९०५ - उत्स्यन्दी प्रति -विण्ट्रोबनिर्दिष्ट घट्य ९१० क्रिया ५४३ श्रेणीविभाजन ८९० - अमजकीय ९०१ उपसर्ग का --- अस्थि जारठिक९१३ -विस्तृत द्विनाल प्रसार ५०५ - आमाशयोच्छेद शिरकृमिजन्य ९०४ औतिकीय जन्य ९०५ रक्तक्षय शिशुओं तथा प्रतिक्रिया ५०६ आहारीय नव जातों के ९३४ कशेरुकीय ५२३ अयोगजन्य ८९० - सगर्भावस्था में९०५ - के प्रभवस्थल ४९७ - सितरक्तरुहीय ९१३ -के सहायक कारण ५१८ - का माडर्न वर्गी - सैविलीय तालिका ९०३ करण ८८९ -कोनिगग्रन्थिक कूलीय ९३६ -सहज शोणांशीय ९२९ सन्धिकलीय ५२५ ग्रहणीजन्य ९०१ रक्तक्षयान्तक तत्व ८९२ - क्लोमनालीय ५५४ रक्तग्रंथि सम्प्राप्ति १०७० घातक ८९१ - जीर्ण प्रसरित ५५३ रक्तनेत्रता ४१० -कास्वरूप८९९ - तन्तुकिलाटीय ५४८ - - विकृत -परिवहन की - तीव्रश्यामाकसम ५५२ विकृतियाँ २५८ - तीव्र सर्वाङ्गीण ५१७ शारीर ८९६२ - - विविध -पाक - दण्डाणुरक्तता ५३४ अंगों पर प्रभाव ८६९ -पित्त पूर्वरूप ८८७ -परमपुष्टिक ५६२ - यक्ष्मा प्रवेश के मार्ग४९९ - डैविडसन निर्दिष्ट -~-सम्प्राप्ति १२८,१०७२ -बिम्वाणु श्रेणीविभाजन ८८ -प्रसार के साधन ४९८ ८८० - मेह शूल विहीन ७७९ -फुफ्फुस - तीन लैडरीय ५३२ ३७७ - वर्णता - फौफ्फुसिक शोणांशिक ९३३ ५३२ ४३३ -विकृतशारीर ५४६ - दायकोशीय ९३३ -व्रणात्मक -कारण फुफ्फुस ५६७ - नव जातीय यक्ष्मा शोणांशिक -शस्त्र में ९३५ ५१८ १५५ -सन्धि - परमकायाण्विक९०१ ५२४ -संवहन सिरागत के उद्देश्य २८० यचिमका - प्राथमिक ४९४ -निर्माण तथा विकास५४ उपवर्णिक ९०१ - स्राव के २-३ दिन ९१५ -परिवर्तन ५१० - प्राथमिक --जीर्ण ९१५ -पीत उपवणिक कारण ९०८ -तथा तज्जन्य यक्ष्मिकास्थ कोशाओं - प्लैहिक ९३६ रक्तक्षय ९१४ का प्रभवस्थल ५१० - फानयक्षीण ९३५ । -तीव्र । । । -ठीवन ९२७ For Private and Personal Use Only
SR No.020004
Book TitleAbhinav Vikruti Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghuveerprasad Trivedi
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1957
Total Pages1206
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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