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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ७६० विषय कर्कट गर्भाशय गर्भाशयकाया ७६२ गर्भाशयग्रीवा ७६० गोलाभकोशीय ७१९ ग्रन्थि ७१०, ७१९ ग्रन्थि - - - - - - - ( स्तन कर्कट ) ७७० ग्रसनी ७३२ ७३८ ग्रहणी जनकअभिकर्त्ता ६८४ तन्तु ७१२ पित्तप्रणालीक ७४२ पित्ताशयिक ७४३ पुरःस्थ (अष्ठीला) ग्रन्थि ८५४ पुरुषप्रजननाङ्गीय ७५४ पुरुषस्तनीय ७७३ पैठिककोशीय ७१५ पोषणिक ग्रन्थि ७४१ प्रणालिकीय अंकुरीय ( स्तनकर्कट) ७७० प्रायोगिक गवेषणा ६८२ ७२२ फुफ्फुस पृष्ठ अवकाशि कीय ७२४ प्रसर ७२४ वृन्तीय ७२४ ७५३ बस्ति ७५९ armaअधिवृक्क ७४९ बीजकोशीय मज्जकीय मज्जकीय ७११ ( स्तन कर्कट ) ७६९ मस्तुलुङ्गाभ महास्रोतीय ७२९ ७११ या कर्कटार्बुद ७०७ ७४१ ७३१ वर्णातिरन्ज्य ७४९ ६१, ६२ वि० याकृत रसना अकारादिरोगानुमऋसूची www.kobatirth.org विषय पृष्ठ कर्कट विविध अङ्गके ७२० ७५१ वृक शल्ककोशीय ७१४ शन ७५८ श्लेषाभ ७२० श्वसनसंस्थान ७२१ संधार की विशेषताएं ७०८ सर्ववीय ७४४ • सांपरीक्ष भ्रौणिकी ७८४ साधारण ७११ स्तन ७६४ स्तन का स्वेद ग्रन्थीय - स्तन प्रसार विकिरण कर्कटार्बुद कर्कटोत्पत्ति --- का प्रभाव ७७३ साध्यासाध्यता ७७३ स्तम्भकोशीय ७१८ स्त्रीप्रजननाङ्गीय७५९ स्वरयन्त्रीय ७२१ ७०७ ६७० तथा तारकोल ६८५ तथा प्रक्षोभक ६८३ न्यासर्गिक अभिकर्त्ता ६८८ १०४ ७७० ७७२ कर्णमूल ग्रन्थिपाक शोध (देखो कर्णमूलग्रन्थिपाक ) कर्णमूलकज्वरसम्प्राप्ति १६३ कर्दम विसर्पसम्प्राप्ति १०६४ कला मांसधरा ५४, ५५ aas - प्रवेश के ३मार्ग ६४८ रोग ६४६ रोग किरण ६४७ ६५१ ३६५ ५१६ २४७ saकार्बुद कषायास्यता काक घटना काचर विहास For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पृष्ठ विषय काचरीकरण वृक्कों में १४९ ७८१ काम परिवर्तन कामला गम्भीर नव जातीय ९३४ : कामला जानपदिक w सुकुन्तलान्विक ६३८ कामला प्रसेकी. १३१ १०६४ सम्प्राप्ति कारक आभ्यन्तरिक ८९१ बाह्य ८९१ कालज्वर सम्प्राप्ति १०६४ are aur १०३८ ६५८ कालस्फोट कालिवाहक ८५८ कायर्बुद मारात्मक ८५८ कास ४०० १०८१ कास शुष्क सम्प्राप्ति कास्थि संकट कारण ( फुफ्फुस यक्ष्मा में ) ५५५ ३६६ १०६४ ८० ८४१ ८३८ ८४० कास्थिसङ्कट कास्थ्यर्बुद एकल तथा श्रौणार्बुद में अन्तर ८३८ कास्थ्यर्बुद बहुविध ८४० किलाटीयन (यक्ष्मा ) ५११ किलाटीयनाश २३५ की सपाक विरूपकर ५३ कुक्षिबन्ध ३६० कुमछिदुसन्निरोधो - त्कर्ष ६० ५७५ कुन्तलाणु कुन्तलापूरकर्ष ६३६ कुलजप्रवृत्ति ( कर्कटोत्पत्ति में ) ६९१ कुष्ठ महाकुष्ठ भी देखो -- उपसर्ग का मार्ग ६४२ की औतिकी ६४५
SR No.020004
Book TitleAbhinav Vikruti Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghuveerprasad Trivedi
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1957
Total Pages1206
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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