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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हस्तलिखित जैन साहित्य १.१.२७ ५५ ८४ लाख नरकविलमान पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पहिं., पद्य, आदि: तीस लाख पचीस लाख पनरे लाख; अंति: शीत उष्ण दुख टार है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में ८४ लाख विलमान के अंक दिये हैं.) ४६३. पे. नाम. ७ नरक विले संख्या, पृ. २२३अ-२२३आ, संपूर्ण... ७ नरकपाथडा बिलमान पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: सात नरक मांहि उनचास पाथडे; अंति: करो तानो दख गिलै हैं, गाथा-४. ४६४. पे. नाम. जंबुद्वीप की सूची परध फलावट, पृ. २२३आ, संपूर्ण. जंबूद्वीपमान पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: जंबुद्वीप एक लाख की परध; अंति: जाननहार चेतन की चेतना, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में जंबुद्वीपमान के अंक दिये हैं.) ४६५. पे. नाम. धातकीखंडकालोदधिसमद्रपुष्करद्वीपमान पद, पृ. २२३आ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: जंबुद्वीप सेती अगलै सागर; अंति: दीप यौं ही आगै मे वखानिय, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में धातकीखंडादि मान के अंक दिये हैं.) ४६६. पे. नाम. वारै कुलाचल दो इक्षाकार चौदेगिरि का प्रमाण, पृ. २२३आ-२२४अ, संपूर्ण. कोलाचलइक्षकारपर्वतमान पद, जै.क.द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: हिमवन हैं एक भाग महाहिमवन; अंति: आठ सै व्यालीस लील है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में पर्वतमान के अंक दिये हैं.) ४६७. पे. नाम. सुदरसनमेरु को प्रमाण, पृ. २२४अ, संपूर्ण. सुदर्शनमेरुपर्वतप्रमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहि., पद्य, आदि: मेर की ऊंचाई सब एक लाख; अंति: नमौ नाश कर्म थूलका, गाथा-४. ४६८. पे. नाम. मेरु का फलावट, पृ. २२४अ-२२४आ, संपूर्ण. मेरुपर्वतवनपरिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: भूम पै हजार दशनंदण पै नौ; अंति: बतीस सह जोजण विचार हैं, गाथा-४. ४६९. पे. नाम. मेरुपर्वतमहाविदेह अंतरपरिमाण सवैया, पृ. २२४आ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: मेरु चोरानवै सै भद्रसाल; अंति: आठ तीर्थंकर तारन तरन हैं, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में नदीजिनमान के अंक दिये हैं.) ४७०. पे. नाम. जंबुद्वीप के बतीस विदेह का प्रमाण, पृ. २२४आ, संपूर्ण. ३२ विदेहप्रमाण पद-जंबुद्वीप, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहि., पद्य, आदि: जंबुदीप के विह बतीसौं इक; अंति: जीवा जिन हिरदै मैं आने है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में जंबुद्वीप प्रमाण के अंक दिये हैं.) ४७१. पे. नाम. जंबुद्वीप में सब नदी तिनका प्रमाण, पृ. २२४आ-२२५अ, संपूर्ण. जंबूद्वीपनदीपरिमाण पद, जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: बत्तीसवे मांही चोसठ है; अंति: प्रतिमाजी ताकौ नमोकार है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में नदीपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४७२. पे. नाम. धातकीखंड १४ पर्वत १४ क्षेत्र आदसूचीपरिमाण पद, पृ. २२५अ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: भाग एक भाग का प्रमाण० धात; अंति: कहो साचे लोक ईस हैं, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में आदसूचीपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४७३. पे. नाम. धातकीखंड १४ पर्वत १४ क्षेत्र मध्यमसूचीपरिमाण पद, पृ. २२५अ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: भाग एक भाग का प्रमाण० धात; अंति: कहे केवली प्रकाश है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में मध्यमसूचीपरिमाण के अकं दिये हैं.) ४७४. पे. नाम. धातकीखंड १४ पर्वत १४ क्षेत्र अंतसूचीपरिमाण पद, पृ. २२५अ-२२५आ, संपूर्ण. जै.क. द्यानतराय अग्रवाल, पुहिं., पद्य, आदि: भाग एक भाग का प्रमाण०; अंति: भाग कहैं माने नाहि सठ है, गाथा-४, (वि. कृति के अंत में अंतसूचीपरिमाण के अंक दिये हैं.) ४७५. पे. नाम, धातकीखंडस्थित भरतक्षेत्रपरिमाण पद, प. २२५आ, संपूर्ण. For Private and Personal Use Only
SR No.018084
Book TitleKailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 27
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2019
Total Pages624
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size19 MB
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