SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 645
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ किम् लेखक.... ग्रंथांका देवराज............ श्रेस्टिनी श्रेष्ठिनी... प्रासाद...... विशेष नामों की सूची - परिशिष्ट १३ - ५९७ विशेषनाम ग्रंथांक | विशेषनाम किम् ग्रंथांक विशेषनाम किम् ...........................जि.ता.१८१ धनसिंह ...... श्रेष्ठी ... जि.ता.३१,२३६ धर्मदास .................... लेखक-मुनि ....................... जि.का.१२७५/१ देवराज.....................श्रेष्ठी ...............त.ता.८ | धनेश्वरसूरि.. श्रेष्ठी ....जि.ता.७६,लो.ता.४ धर्मदेव उपा० ........................... ...................जि.ता.२११ देवराजपुर .................. नगर ..................... जि.का.१२९१,जि.ता.४२६ धनाई ... श्रेष्ठिनी.. ........ त.ता.८ धर्मदेव उपा० ............ मंत्री ............. जि.ता.१७७/२ देवविनयगणि .......... ........................ जि.का.७०२ धन्य .......... श्रेष्ठी .. जि.ता.२७०/१,४२६ धर्मधीरगणि.......................... ....जि.का.४ देवत्री....... ............... जि.ता.११२,२२८,२७०/४ धन्यराज श्रेष्ठी ...जि.का.१०८६ धर्मनिधान पं........ मुनि........ जि.ता.६८/२ देवसार पं. ............... मुनि .....था.का.६४,जि.ता.१०८ धन्या . ... जि.ता.२८,५० धर्मरत्नसूरि ...................... जि.का.१३५२ देवसिंह .................... मंत्री ....... जि.ता.२३६,४०३/३ धन्यादेवी श्रेष्ठिनी. जि.का.१०८६ धर्मराज ..................... मंत्री ......... जि.का.१३६५ देवसुंदरसूरि ........ ......जि.का.१४८०,१५५८ धरणविहार, ..जि.का.८२७ धर्मवद्धन गणि........................ ..जि.ता.३४० देवसूरि................. ता.२३२,२३३,२३६,२७२,२७९,४२६ | धरणाक.. श्रेष्ठी ..................जि.ता.१/३.३.११.१६,२१/५, धर्मशाला .................. विश्रामस्थान... .......त.ता.८ देवाउ महं० .......... श्रेष्ठी ............ जि.ता.१६८ धरणाक............... श्रेष्ठी ........ २४/४,३०,३४,३६,४७/२,४९,५२, धर्मशेखर .................. लेखक-मुनि ..जि.का.२४८ देवानंद..................... गच्छ ........... जि.ता.३८७/२ ५३.५४,६०,६२,६३,६४,८९,९४, धर्मसूरि .................... जि.का.८६९ देवानंदसूरि .......... ..जि.ता.२०६,२५६,३५६ ९५.९७.९९,१०५,११०,१२२,१२३, धर्मिणी.....................श्रेष्ठिनी... ...जि.ता.३१/२ देवा भणसाली ........... ..................त.ता.८ १४७/१८,१४८,१४९,२९२,३१५,३६४/५ | धवलक्क पुर ............... नगर ........................ जि.का.१७५४,त.ता.४ देविणी...................... श्रेष्ठिनी .............................. जि.ता.२५६ धरणिग .................... श्रेष्ठी .............. .............जि.ता.२५६ धवलगुणदेवी..............श्रेष्ठिनी ................................ जि.ता.८५/२ देवीदास ................... .................जि.का.२४७ धरणिय .................. विद्याधर............ ................ जि.ता.२५२ धवलचंद्रगणिमित्र......... जि.का.१३६५ देवेन्द्रसूरि ......नि.ता.२२२, २३९ धरणिंद .................... श्रेष्ठी .जि.का.८२७ धवल ...................... ....................... जी.ता.२३७,२५२,२५९ देसेल................ जि.ता.४०३/४ धरणीधरशाला ............. वसति............ जि.ता.११७/२ धंधल ...................... श्रेष्ठी ...... .............. लो.ता.३/८ दोसो........................ गोत्र.................................... जि.का.२१६९ धरणेन्द्र .................... देव....................................... जि.ता.२६० धंधिका ....................वेष्ठिनी .................................. जि.ता.२३५ धरसेन ..................... राजा ..................................... जि.ता.३३८ धंधुक्क्य पुर ................ नगर ........... ..................... जि.ता.२५२ धणचंड ...................... जि.ता.१० धरावास .................... नगर .........जि.ता.४०/२-६,४२/२,४२/२,८५० थानी ....................... श्रेष्ठिनी ................................जि.का.१२७९ धरावास....... धणदेवी श्रेष्ठिनी. ....................... जि.ता.२२५ | धर्कट...................... कुल ........ ................... जि.ता.२५६ धाम........................ श्रेष्ठी ..............................नि.ता.२३६.४२६ धणपति....... ..........जि.का.१३५२,१३६५ धर्कट ...................... वंश .........जि.ता.१५,८५/२,२२८,३१२,लो.ता.४ धारसी ..................... श्रेष्ठी ...........................नि.का.२१६६,२२३९ .. मुनि....... .....................जि.ता.२५२ धर्म ........................ मुनि.............. .........जि.का.९० धारादित्य पंडित.......... लेखक....................................जि.ता.३९१ धनदेव.... ....................... जि.ता.३४० धर्मकीस्तिगणि..................... .......................जि.ता.२५६ धारापुरी.................... नगर ....... ...................... जि.ता.२८१ धनपति श्रेष्ठी ............................त.ता.८ धर्मघोष ................ गच्छ.................................... जि.का.८६९ धांउका ....................श्रेष्ठिनी..................................जि.ता.२३५ धनपाल.................. ..मंत्री, ..........................जि.ता.२०६,३१० धर्मघोषसूरि........................................... जि.ता.२०७,२१७,४०३/१. धांधलदेवी.................श्रेष्ठिनी.................................. जि.ता.२०६ धनपाल.......... श्रेष्ठी " ......जि.ता.२३५ ..................... लो.ता.३/८ धांधल ..................... श्रेष्ठी ................... नि.ता.२३६,३४६/७,४२६ धनराज .................... श्रेष्ठी ................... जि.ता.४२६,जि.का.१८४० धर्मचंद ..................... लेखक-मुनि .....................जि.का.८६३,१५३२ धांधी .......................श्रेष्ठिनी ..................................नि.ता.३४० श्रेष्ठी श्रेष्ठी .. मंत्री ..श्रेष्ठी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.nebrar og
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy