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________________ ५८० - जैसलमेर तपागच्छ- भंडार की पुरानी सूची - परिशिष्ट - १० परिशिष्ट १०: जैसलमेर तपागच्छ भंडार की पुरानी सूची वह सूचि ईसवी सन् १९८८ में सेवामंदिर-रावटी-जोधपुर-राजस्थान की ओर से जोहरीमलजी पारख द्वारा संपादित व प्रकाशित 'जैसलमेर (राजस्थान) हस्तलिखित ग्रंथोंका सूचिपत्र - द्वितीयखंड इस नामसे प्रकाशित सूचिपत्र में से उद्धृत है । सम्वत् १८६४ वर्ष शक १७४२ प्रवर्तमाने मिति भादरवा सुद ५ दिने सुरतितराम लिखते यां मुनि श्री गुलाब विजयना श्री चिंतामणि पाच प्रभोप्रसादात् श्री जैसलमेर नगरे तपागच्छे उपासरारे भंडार री टीप छे डबो १ नंबूहीपफ्नति वृत्ति .........४५५ | डब्बा ४ बीगत कथाकोष (द्वितीय खण्ड)..१५० प्राकृत ..................... ५४४ कर्म प्रकृति वृत्ति ...........१७० चेत्यवन्दन बृहत गाचाराा सूत्र.............. ४९ चन्द्र पनति सूत्र ............... ५२ | उत्तराध्ययन वृत्ति.......... ४४५ | हव्या ६ री बीगत शत्रुजय महात्य नाममाला सूत्र ............ ४० वृत्ति भाष्य ................ आधाराङ्ग वृत्ति ............ २३३ सूर्य पन्नति वृत्ति ............ १६४ | श्राद्ध प्रतिक्रमण ............ २८६ | ऋषिमंडल वृत्ति............. १२० लघु (८८)...................८८ | नाममाला वृत्ति .............२४५ प्रवचन सारोद्धार ......... ९४ सूत्रकृताश वृत्ति .......... २१५ जंबूढोपपत्रति ................ १०० शांतिनाथ चरित्र लोक...... १५१ उपदेशमाला वृत्ति ............. २७ शत्रुञ्जय महात्म्य वृद्ध .... २१४ सारस्वत व्याकरण......... | वंदनक चूर्णि ................. २४ ठाणांग वृत्ति................ ३०४ प्रज्ञापना सूत्र ............... १५८ | | पदावली ...................... १८ दिनकृत्य वृत्ति ..............२८१ परिशिष्ट पर्व.................८६ | छंदानुशासन वृत्ति ............ ९४ मंदानुशासन वृत्ति उपदेश माला..................२० ठाणांग सूत्र..................७४ जंबूद्वीपपत्रति .................८० कल्प-किरणावली........... १९५ ठाणाग वृत्ति ................ २८५ २८५ भवन भानु केवली चरित्र ... ३३ दर्शनसत्तरी टीका | दशवकालिक सूत्र ............ १० समवायाग वृत्ति ............ ६८ डब्बो ३ बीगत आवश्यक सूत्र ...............८६ यतिदिनचर्या वृत्ति............ ४० डल्या ८ री बीगत सत्तरिसयसद्वाण..............१७ उत्तराध्ययन नियुक्ति ......... १७ समवायाग सूत्र ............. ३४ कल्प सूत्र बारे सौ ..........१२८ यतिदिनचर्या सूत्र .............५० अनवउच.................... कर्म प्रकृति सूत्र ...............११ आवश्यक प्रथम खंड दशवकालिक अवचूरि .... ३४ ज्ञाताधर्म कथाग सूत्र .......९९ |शाताधर्मकांग............. १५४ वृंदारु वृत्त ...................६६ कर्म प्रकृति वृत्ति .......... १५५ (वृत्ति)...................... २०४ | अंगचूलिया सूत्र...............२० पंचनिन्थ संग्रहणी अवधूरी .. ६ उपाशकदशाङ्ग सूत्र..........१६ गौतमपूछा ....................५७ श्रावक दिनचर्या सूत्र ........ १४ आवश्यक द्वितीय खंड | सूत्रकृताङ्ग वृत्ति .......... २४२ हब्बा १० री बीगत हेतु विभांगियावचूरो ...........१३ अंतकृत सूत्र ..................१६ मंडल विचार..................१६ श्रीपाल सूत्र ...........४६, ११८ पंचाशक वृत्ति.............. १४३ (वृत्ति)...................... २८२ | उत्तराध्ययन वृत्ति........... २७६ | प्रश्मरति सूत्र ...................७ अनुत्तरोपपातिक सूत्र:........५ कल्प सूत्र बालबोध ........१०६ उत्तराध्ययन वृत्ति............३२३ नवपद प्रकरण .............. ११६ आवश्यक बृहदवृत्ति श्राद्धविधि वृत्ति ............ १५५ श्राद्धविधि वृत्तिरह ........ २०४ प्रश्न व्याकरण सूत्र...........२७ इम्या ५री बीगत | उत्तराध्ययन सूत्र ............. ४१ पंचाशक सूत्र..................१६ (२२ सहस्री)............... ५६० विचारामृत संग्रह .............५६ आत्मकल्पदुम वृत्ति ......... ५८ विपाक सूत्र.................. २५ विशेषणवती ...................११ जीवसमास वृत्ति ............ १२८ |निशीथ सूत्र....................८ | डब्बा ७री बीगत प्रतिक्रमण हेतु गर्भ........... आवश्यक चूणि.............३९८ विपाक सूत्र वृत्ति ............१७ ललित विस्तरावृत्ति ........ सूर्य पति.....................७१ क्षेत्रसमास वृत्ति .............. २३ विशेषाविशेष लघु वृत्ति ... ४२५ निशीथ चूर्णि...............२७५ पांडव चरित्र.................२३३ दशवकालिक वृत्त .......... १३१ नंदीसूत्र......................... १४ मृगावती चरित्र ............... ५६ ललित विस्तरा पंजिका .....४५ निशीथ चूणि विशक ..........१२ गणधर सार्धशतक डब्बा ११ री बीगत बाद जीतशल्प सूत्र......... ६० नंदीसूत्र वृत्ति ................ ११८ व्यवहारवृत्ति................ ३२७ नेमी चरित्र................... १०९ सटीक ....................... २४० प्रश्नोत्तर समुच्चय ........ निशीच सूत्र ...................! तर्क भाषा .................... २८ प्रश्न व्याकरण ..............१२८ | निशीथ भाष्य ...............१७२ उपमिति मव चरित्र डब्बा ९री बीगत । अंबार प्रदीप........ ज्ञातां धर्म कांग वृत्ति ...... ५६ रबो २ बीगत शांतिनाथ चरित्र ..............५७ गृहत् कल्प (प्रपंच कथा).............. २८६ श्राद्ध दिन कृत्य तिवृत्ति ....२८१ | ओघनियुक्ति सूत्र ............. निरियावलिका सूत्र ...........२ राजप्रश्नीय सूत्र ............५५ योगशास्त्र वृत्ति .............१९७ वृत्ति खण्ड ४............. १००२ मलयसुन्दरी कथा ............ ३६ तिलोयपत्रति ............ उपदेश पद सूत्र ...............३१ ओपपातिक वृत्ति ......... जीवाभिगमं सूत्र ............. ९६ दशवकालिक वृत्ति .......... ५२ | बृहत् कल्प वृत्ति यूटक ... ३८५ श्री महावीर चरित्र उपदेश पद वृत्ति ..........२४४ प्रतिक्रमण हेतु गर्भ ............१८ नंबूदीपपन्नति चूर्णि ....... प्रज्ञापना सूत्र ............... २८६ जीव समास .....................८ उत्तराध्ययन कथा ........... १६१ कर्म प्रकृति सूत्र ............. १४ आराधना पत्रिका पद्धति ....२४ चन्द्रपत्रति वृत्ति ............ १३१ Jain Education International For Private &Personal use Only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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