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________________ थाप विशेष नोंध २०+स श्रेष्ठ जिनभद्रसूरि ताडपत्रीय ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथांकग्रंथर्नु नाम कर्ता २१/१.... उपासकदशांगवृत्ति ................. अभयदेवाचार्य ...... २१/२... अंतकृदशांगवृत्ति ..... अभयदेवाचार्य. २१/३... अनुत्तरोपपातिकदशांगवृत्ति.. अभयदेवाचार्य २१/४ ... प्रश्नव्याकरणवृत्ति ............... अभयदेवाचार्य २१/५... विपाकसूत्रवृत्ति अभयदेवसूरि. २२/१.... उपासकदशांगसूत्रवृत्ति. अभयदेवाचार्य २२/२... अंतकृदशांगसूत्रवृत्ति ........ अभयदेवाचार्य २२/३ ... अनुत्तरौपपातिकदांगसूत्रवृत्ति अभयदेवाचार्य ... २२/४ ... प्रश्नव्याकरणदशांगरात्रवृत्ति.. अभयदेवाचार्य.. २२/५.... विपाकसूत्रवृत्ति .. अभयदेवाचार्य २२/६ ... उपासकदशांगसूत्र ...................... २२/७ ... अंतकृदशांगसूत्र २२/८... अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र ...................... २२/९ ... प्रश्नव्याकरणदशांगसूत्र .... २२/१०/विपाकसूत्र ............ २३/१... उपासकदशांगसूत्रवृत्ति.................. अभयदेवाचार्य ........ १३०० ४६०० संवत । पत्र संख्या झेरोक्ष --.......१-१९ ....................१९-२६ +स .........२६-२८ ....२८-१२६ ...२०+२१ ले.१४९०......१२६-१४४ २०+२१ ................१-२३ २२(१-२)...२३/२४ ..................२३-३१ २२(१-२) -...२३/२४ ................३१-३४ ...२२(१-२) -... २३/२४ ...........३५-१५९ ....२२(१-२) -... २३/२४ ..... ११८५/-.....१५९-१८१ ......२२(१-२) -... २३/२४ .................१८२-२०२ .......२२(१-२) -... २३/२४ ..................२०३-२२२ ......२२(१-२)...२३/२४ ..................२२३-२२८ ......२२(१-२) -... २३/२४ ..२२८-२५९ ......२२(१-२) -... २३/२४ ......... ले.११८६ ......२५९-२८५ ........२२(१-२)....२३/२४ .............६१-६८ ............२३ .......................... ..................६९-९५ ............ २३ ....... २४ ........ १३००.......९५-२७२ ............२३ ........२४ .....२४(१-२) ....२५/२६ ......................४४-१५८ ...२४(१-२) ... २५/२६ ....१५९-२२९ २४(१-२) ......... ले.१४८९ ......२३०-३४५ १२५० ..१२१६ श्रेष्ठ पत्र १ थी ६०, १५९ थी १७९, १८१ थी १८५ नथी. .................. ......१-४३ ३१३५ - २६०मुं पार्नु नथी. २०७२ ... २५/२६ २३/२. अंतकृदशांगसूत्रवृत्ति ..................... अभयदेवाचार्य .. २३/३ .. प्रश्नव्याकरणदशांगसूत्रवृत्ति, अपूर्ण ...... अभयदेवाचार्य ....... २४/१.. औपपातिकोपांगसूत्र २४/२... औषपातिकोपांगसूत्रवृत्ति ................ अभयदेवाचार्य ....... २४/३... राजप्रश्नीयोपांगसूत्र ....... २४/४ ... राजप्रश्नीयसूत्रवृत्ति ...................... मलयगिरि आचार्य .. २१/१... जीवाभिगमसूत्र ... २५/२... जीवाभिगमसूत्र - लघुवृत्ति ............... हरिभद्राचार्य ........ २५/३..जंबूदीपप्रज्ञप्तिसूत्र .. २५/४ .. जंबूदीपप्रज्ञप्ति चूर्णि. २६ .....जीवाभिगमसूत्रवृत्ति २४(१-२) श्रेष्ठ ....१-१०२ ....१०३-१३५ .२५(१-२) ले.१४८९ ......१३६-२६५ ........२५(१-२) ....... ले.१४८९ ......२६६-३२९ ........२५(१-२) |..सं........... ले.१४८९ ...........३३६ --......२६(१-२) Toooo Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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