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________________ . पत्र . 2 ....१५२६ 4A सर्व ग्रंथों का अकारादिक्रम - परिशिष्ट १ - ३६५ भंडार। ग्रंथांक - ग्रंथनुं नाम | भंडार कर्ता संवत् ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम कर्ता संवत् नाम संख्या नाम संख्या जि.का १७१० कालज्ञानभाषाप्रबंध ............. लक्ष्मीवल्लभगणि .. .र.१७४१ जि.का १९३४ कालिकाचार्यकथानक अपूर्ण, .ले.१८५३ जि.का १९३३ कालिकाचार्यकथानक गद्य . जि.का १०४१ कालज्ञान.............. १३ जि.का ९४९ कालिकाचार्यकथाबालावबोध ..... त.का. ११६१ कालसप्ततिका सहटब्बार्थ..... कालिकाचार्यकथाबालावबोध ... जि.का १३१७/१५० कालस्वरूपकुलक................ जिनदत्तसूरि ............... १३८-१४१ Jटक अपूर्ण जि.का १३०५/३ ० कालस्वरूपकुलकविवरण ....... जिनपाल....... ....१४०० .. ५९-६५ कालिकाचार्य कथा ........ | कालापकव्याकरण वृत्तिसह ........ कालिकाचार्यकथा ............... | कालिकाचार्य कथासहित सवित्र... कालसत्तरी. ...................... धर्मघोषसूरि ................ कालिकाचार्य बालायबोध ......... समयसुंदर कालसत्तरी सह टब्बार्थ.......... कालिकाचार्यकथा ... ०/काव्यकल्पलता .... .. अमरचंद्रसूरि कालिकाचार्यकथा ० काव्यकल्पलता कविशिक्षावृत्तिसह अमरचंद्रसूरि .................१५ कालिकाचार्यकथा विजयचंद्र-ले.क. ०/काव्यकल्पलता कविशिक्षावृत्तिसह अमरचंद्रसूरि स्वोपज ........१४८० लो.का ४१ कालिकाचार्यकथा काव्यकल्पलता कविशिक्षावृत्तिसह अमरचंद्रसूरि स्वोपज ..... आ.का/६३ कालिकाचार्यकथा ............... समयसुंदर .... अपूर्ण त.का.|२८९/B कालिकाचार्यकथा ................ ....१३८९ ..७(१०४-1 जि.ता. Dकाव्यप्रकाश............. राजानक मम्मट अने अनक.१४०० .................११०) जि.का काव्यप्रकाश.... मम्मट अने अलक ...........१७११ जि.ता.४३२ ० कालिकाचार्यकथा गद्य ............... • काव्यप्रकाश अवधूरि ............. .............१४०० जि.ता.४०/ ६ ० कालिकाचार्यकथा गद्य अपूर्ण ............... १०३-१२९ ० काव्यप्रकाश टिप्पणीसह .........राजानक मम्मट अने अतक .१२१५ जि.ता.४२/२ ० कालिकाचार्यकथा गद्य अपूर्ण ....................... १३७-१७५ ० काव्यप्रकाशअवधूरि ............. जि.का ४६७ कालिकाचार्यकथा गद्यपद्य ......... ...... २६ ० काव्यप्रकाशटीका ................ भवदेव .................. ..१६९८ जि.ता.४२५/२ • कालिकाचार्यकथा गद्यपद्य सचित्र ११३-१४६ काव्यमीमांसा (कविरहस्य).....राजशेखर ...................१२१६ जि.का १९० ० कालिकाचार्यकथा गाथाबद्ध .... भावदेवसूरि काव्यादर्श ... दंडिन ..१६५१ जि.ता.४०/२ कालिकाचार्यकथा पद्य .......... ०काव्यादर्श (काव्यप्रकाशसंकेत). सोमेश्वर भट्ट ...............१२८३ जि.का ४५८ कालिकाचार्यकथा बालायबोधसह-....... |३१९ काव्यादर्श (काव्यप्रकाशसंकेत). सोमेश्वर भट्ट ...............१४०० जि.ता.४२२ कालिकाचार्यकथा सचित्र गद्यपच सप्तम उल्लास पर्यन्त किंचिदपूर्ण |जि.ता|३२६/१ ०/काव्यादर्श तृतीयपरिच्छेद पर्यन्त | दंडी कवि ................. ...११६१ जि.ता. ४२१ • कालिकाचार्यकथा सचित्र ......... भावदेवसूरि .... जि.ता ३२६/३ ०काव्यादर्श तृतीयपरिच्छेदटिप्पनक. .... १३०० रौप्याक्षरी जि.का १७६८ ० काव्यानुशासनसूत्रपाठ............ ..............८६-१११ ..१४०० EEEEEE 94-60 २०७ Jain Education International For Private &Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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