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________________ १५० मध्यम .............. मध्यम .....................१४ जिनमासूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग | ग्रंथांकग्रंथर्नु नाम 1 स्थिति भाषा संवत् पत्र संख्या रोक्षसी . डीग्रंथान विशेष नोंध २१०० ....... पौषधादिविधि ज्वरहरादिमंत्र ....... श्रेष्ठ .... ......आराधना श्रेष्ठ.. ......सौलस्वप्नविचार ....... जीर्ण. ...... योगविधि यंत्र श्रेष्ठ.. वसुधारा श्रेष्ठ ૧૭ર૧ आठकर्मनी उत्तरप्रकृति योगविधि स्वरोदयविचार. मध्यम.. .१८४३ द्वादशवतअतिचारस्वरूप....... मध्यम.. पंचसमितिसज्झाय .............. श्रेष्ठ.... देवचंद्रजी एगुणतीसीभावना संस्कृत स्तबक सह. मध्यम , अष्टप्रकारीपूजा ........... मध्यम... ज्ञानछत्रीशी........... .. मध्यम ... कान्हजी. ................ गजसिंहचरित्र रास ...................... जीर्ण... राजसुंदर ................ रे.१५५६,ले.१८११..... ..... प्रति उधईथी खवायेली छे. नवपदपूजा अपूर्ण ....................... मध्यम ...यशोविजयजी........... ....... लोंकाहुंडी ५८ बोल .............. श्रेष्ठ......... ....... चंदराजरास अपूर्ण ................ मध्यम... २११७ .....सिंहासनबत्रीसीरास अपूर्ण जीर्ण... २११८ ......चतुःश्लोकीप्रकाश .......... मध्यम... केशवभट्ट.......... २११९ ...... स्वरोदयसिद्धि २११९ -.२९० २१२० ...... प्रतिक्रमण सूत्रवृत्ति तथा सप्तस्मरणवृत्ति .. श्रेष्ठ .. .२१२०-२१२२ 4.२८९ १२०/१.... चैत्यवंदनकप्रत्याख्यान लघुवृत्ति तिलकाचार्य .२१२०-२१२२.२८९ २१२०/२.... बंदित्तुसूत्रवृत्ति श्रेष्ठ .... तिलकाचार्य ............ १०-१४ .२१२०-२१२२...२८९ २१२०/३... चत्तारि अठ्ठदसदोय सूत्रवृत्ति ....... श्रेष्ठ .... देवेन्द्रसूरि ...................... १४ -- .२१२०-२१२२ १.२८९ स२०१४...नवग्रहस्तुतिगर्मित पार्श्वनाथ स्तुतिवृत्ति श्रेष्ठ ..... जिनप्रभसूरि .......................... १४-१६....२१२०-२१२२-२८९ २१२०/५...-लधुशांतिवृत्ति ................. श्रेष्ठ..... हर्षकीर्तिसूरि ............ १६-१८ .....२१२०-२१२२ .२८९ २१२०/६ ....अजितशांतिवृत्ति .................... श्रेष्ठ .... जिनप्रभसूरि .............. प्रा. .........र. १३६५/-............ १८-२७ /....२१२०-२१२२ १.२८९/.....७४० PRE मध्यम. ..............११० Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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