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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती अप., आदि वाक्यः कम्पिउ रयणासणु तवनिन्नासणु मिलियछप्पनदिसाकुमारीए... पातासंघवी २०५-१- पे.क्र. ६, पृ. १-८, पुष्पवतीचरित्र आदि, वि-११९१, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-६१, डीवीडी-३८/५५ महावीरजिन परिग्रहप्रमाण (परिग्रहप्रमाण) सं., पद्य, गा.३२, आदि वाक्यः श्रीसिद्धार्थनरेन्द्रनिर्मलकुलप्रासादसिंहध्वजं... भांता ७२- पे.क्र.६, पृ. ६१A-६६B, दशवैकालिकसूत्रनियुक्ति आदि सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-७११. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-७३/८२ महावीरजिन स्तवन जुओ - भावारिवारणस्तोत्र, गणि-जिनवल्लभ, संस्कृत,प्राकृत, का.३० महावीरजिन स्नात्र महोत्सव (स्नात्र महोत्सव) डतामुक्ता ४५५, पृ. ४, महावीर जिन स्नात्र महोत्सव, संपूर्ण डीवीडी-१०१/१०२ महावीरजिनस्तुति आचार्य-जयकेसरसूरि[अंचलगच्छ], सं., पद्य, श्लोक१७, आदि वाक्यः श्रीवीतरागसमयेस्तदीया... पाकाहेम १७०८७- पे.क्र.२, पृ. १५, चतुर्विंशतिजिनस्तुति, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१६ महावीरजिनस्तोत्र उपाध्याय-यशोविजयजी गणि[तपागच्छीय], सं., पद्य, श्लोक११, आदि वाक्यः ऐन्द्रं ज्योतिः किमपि कुनयध्वान्तविध्वंस सज्जं... पाकाहेम १३१७१- पे.क्र. १३, पृ. ७B-CA, वीरजिन,भारती-सरस्वति आदि स्तोत्रसङ्ग्रह, वि-१९मी, संपूर्ण पे. विशेष- प्रतिलेखक-ऋद्धिविजयजी. कुल झे.पृष्ठ-८ महावीरद्वात्रिंशिका सं., पद्य, गा.३२, आदि वाक्यः स्तोष्ये जिनं महावीरं पाकाहेम १०२३- पे.क्र. ८८, पृ. १४३-१४४, प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. कुल झे.पृष्ठ-१४५ महावीरद्वात्रिंशिका अष्टोत्तरशतनामगर्भित जुओ - अष्टोत्तरशतनामगर्भित महावीरद्वात्रिंशिका, संस्कृत, श्लोक३२ महावीरपञ्चकल्याणक स्तवन मारुगूर्जर, पद्य, पाताहेसं १०९, पृ. ७४, महावीरजिनपञ्चकल्याणक स्तवन आदि, संपूर्ण डीवीडी-७/१६ महावीरपञ्चकल्याणकस्तोत्र (कल्याणकस्तोत्र), (पञ्चकल्याणकस्तोत्र) प्रा., पद्य, गा.१३, आदि वाक्यः ओहिन्नाणमुणियतित्थेसर मणुय... पाताहेसं १४२- पे.क्र.२, पृ. १-३, काव्यमीमांसा त्रयोदश अध्याय पर्यन्त, अपूर्ण, अपूर्ण पे. विशेष- गाथा-११. प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमां पत्र-५०+९ आप्या छे. प्रतमां काव्यमीमांसा सिवायनी बीजी कृतिओ नथी. डीवीडी-८/१७ महावीरमङ्गलशब्दार्थवाचकस्तवन (मङ्गलशब्दार्थवाचकस्तवन) आचार्य-मुनिसुन्दरसूरि[तपागच्छ], सं., पद्य, का.२४, आदि वाक्यः (१) जय श्रीविलासालयं... (२) जयश्रीविलासालयं... पाकाहेम १२२८५, पृ. १, महावीरमङ्गलशब्दार्थवाचकस्तवन, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ 595
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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