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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पे. विशेष- संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-६९-७२. प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ महावीरकलश आचार्य-मङ्गलसूरि, अप., पद्य, गा.१७, आदि वाक्यः श्रेयः पल्लवयन्तु वः प्रतिदिशं... पाकाहेम १०२३- पे.क्र. ९, पृ. १४-१५, प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. कुल झे.पृष्ठ-१४५ महावीरकलश सं., पद्य, गा.१३, आदि वाक्यः भुवणमण्डणु लच्छिआवासु... भांता ७२- पे.क्र.५, पृ. ५८B-६१A, दशवैकालिकसूत्रनियुक्ति आदि सङ्ग्रह, संपूर्ण पे. नाम- कलश प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-७११. कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-७३/८२ महावीरकालीन भावी तीर्थकर, जिन मोक्षकाल व प्रमादकाल प्रा., गद्य, आदि वाक्यः सेणिय सुपास पुट्टिल उदाय सखे... भांता ७०- पे.क्र. १४१, पृ. १९६A-१९६०, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१२८६. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ महावीरचरित्र आचार्य-नेमिचन्द्रसूरि, गुरु-आचार्य-आम्रदेवसूरि, प्रा., पद्य, रचना सं. विक्रम ११४१, गा.२४००, ग्रं.३०००, आदि वाक्यः पणमह पढमजिणिन्दं भवियाणणकमलबोहणदिणिन्दं... कृ.विः विशिष्ट रचना प्रशस्ति. पाताखेत ७, पृ. २०८, महावीर चरित्र, संपूर्ण डीवीडी-६१/६३ पाताहेसं १२४, पृ. २६९, महावीरस्वामीचरित्र किञ्चिदपूर्ण, पूर्ण डीवीडी-७/१७ महावीरचरित्र आचार्य-गुणचन्द्रसूरि, प्रा., रचना सं. विक्रम ११३९, ग्रं.१२०२५, पाताहेसं ४४, पृ. ३४८, महावीरस्वामीचरित्र, संपूर्ण डीवीडी-५/१५ पाकाहेम ७०३०, पृ. १९०, महावीरचरित्र, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २५२मुं नथी. कुल झे.पृष्ठ-१८८ महावीरचरित्र अप., पद्य, गा.२४, आदि वाक्यः सुमरिवि सिरिवद्धमाणु गुणमणिरयणायरू... पाताखेत ६- पे.क्र. ३५, पृ. २०२-२०६, उपदेशमालादि ५४ ग्रन्थो, संपूर्ण पे. विशेष- अन्त में "महावीरचरित्र रासेनापि दीयते" ऐसा उल्लेख है. प्रत विशेष- शुद्ध प्रति. कुल झे.पृष्ठ-११०, डीवीडी-६१/६३ महावीरजिन जन्माभिषेक (जिनजन्माभिषेक(?)) 594
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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