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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ५९- पे.क्र. १, पृ. २-२३A, प्रवचनसन्दोह-पञ्चसूत्रादि तथान्यायकन्दली टीका, संपूर्ण पे. नाम- पवयण संदोह, पे. विशेष- अपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-१-८ पर है. प्रत विशेष- त्रुटक-नकामी-जीर्ण. कुल झे.पृष्ठ-६८, डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ७३- पे.क्र. ४, पृ.?, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि, वि-१२७२, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति वर्ष का उल्लेख झेरोक्ष प्रत के पत्रांक-४० में कर्मस्तवभाष्य की प्रति० पुष्पिका में है. डीवीडी-५८/६० पातासंघवी १०४-२- पे.क्र. १, पृ. ९५-१०६, प्रवचनसन्दोह आदि, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. डीवीडी-३३/५१ पातासंघवी १८१-१- पे.क्र. ९, पृ. १२१-१४०, उपदेशमाला आदि, वि-१२७९, संपूर्ण पे. विशेष- पत्र १३९मुं नथी. डीवीडी-३७/५४ पाताहेसं ११७- पे.क्र. २, पृ. २, योगशास्त्र आद्य प्रकाश चतुष्टय प्रवचनसन्दोह, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- (गायकवाड केटलॉग साथे विगत मळती नथी) डीवीडी-७/१७ प्रवचनसन्दोह (पवयणसन्दोह) प्रा., पद्य, गा.३३४, अध्याय६ पद, आदि वाक्यः नमिऊण वद्धमाणं ववगयमाणं सुरेहिं कयमाणं... पाताखेत ११- पे.क्र.७, पृ. १३६-१६३, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि १३ ग्रन्थो, वि-१२७८, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. पत्रांक-१६३-१६७ नहीं है. पद-६ की प्रारंभिक गाथा तक है. प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्र १,८,३१,७४,९० कुल पांच पाना घटे छे. कुल झे.पृष्ठ-११२, डीवीडी-६१/६३ पाताखेत ३६- पे.क्र. १५, पृ. १८७-२०९, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि १७ ग्रन्थो, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र में पेटांक १८ का उल्लेख नहीं है. डीवीडी-६२/६४ पातासंघवीजीर्ण ९१- पे.क्र. ६, पृ. ५-२७A, तत्त्वार्थाधिगमसूत्र, प्रशमरति व प्राचीनकर्मग्रन्थ आदि, संपूर्ण पे. विशेष- पूर्ण. प्रारंभिक पाठ का त्रुटक अंश उपलब्ध है. झेरोक्ष उलटे क्रम से किया गया है. झेरोक्ष पत्र ३७-४६. प्रत विशेष- जीर्ण-अव्यवस्थित. कुल झे.पृष्ठ-४८, डीवीडी-५८/६० पातासंघवी १७४- पे.क्र. १५, पृ. १३६-१५६, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण पे. विशेष- पूर्ण. पत्र-१४३ नहीं है., झेरोक्ष पत्र-५१-६१. प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्रांक ७९ अनुपलब्ध है. कुल झे.पृष्ठ-१५४, डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी ११०-२- पे.क्र. १, पृ. १-१६, प्रवचनसन्दोह तथा छन्दोनुशासनविवरण, संपूर्ण डीवीडी-३३/५२ पाताहेसं ११९- पे.क्र.३, पृ. ७४-९६, पुष्पमालाप्रकरण आदि उपदेशमालाप्रकरण , संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-३३४. प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्र-१०१ से १२४ व ताडपत्रीय पत्र-८७-१४१ किसी अन्य प्रत के पन्ने हैं. कुल झे.पृष्ठ-१२४, डीवीडी-७/१७ तालाद ३४३- पे.क्र. २, पृ. ७३/२-११६, कर्मप्रकृति आदि ६ ग्रन्थो, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-९४/९६ 519
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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