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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती दुष्षमगण्डिका जुओ - दुषमगण्डिका, प्राकृत, ग्रं.१०४, गा.८१ दुसमगण्डिया जुओ - दुषमगण्डिका, प्राकृत, ग्रं.१०४, गा.८१ दुसमोद्धार जुओ - दुषमोद्धारप्रकरण, आचार्य-उदयप्रभसूरि, प्राकृत, गा.४७ दुह-सुहविवागसूयक कुलग जुओ - दुःख-सुखविपाककुलक, प्राकृत, गा.२७ दुहामाइ जुओ - दुहामात्रिका, अपभ्रंश, गा.५८ दुहामातृका जुओ - दुहामात्रिका, अपभ्रंश, गा.५८ दुहामात्रिका (दुहामाइ), (दुहामातृका) अप., पद्य, गा.५८, आदि वाक्यः भले भणेविणु पणमियइ जग-गुरू जगह पयाणु... पातासंघवी ७२-३- पे.क्र. ११, पृ. १११-११४, बृहत् सङ्ग्रहणी आदि, संपूर्ण डीवीडी-३१/५० दूसमपद्धति प्रा., पद्य, गा.६४, आदि वाक्यः नमिऊण भुवणवीरं जिणिन्दवीरं समासउ वोच्छं... पाताहेसं १६१- पे.क्र. ४०, पृ. २५७-२६०, दशवैकालिकसूत्र आदि प्रकरण सङ्ग्रह, वि-१३८९, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-२९. प्रत विशेष- प्रान्ते कृतिओनी अनुक्रमणिका आपेली छे. कुल झे.पृष्ठ-१७०, डीवीडी-८/१८ दूसमवोच्छेयगण्डिया जुओ - दुषमगण्डिका, प्राकृत, ग्रं.१०४, गा.८१ दृढप्रहारीकथा तपोविषये जुओ - तपोविषये दृढप्रहारीकथा, संस्कृत, श्लोक५१ दृढर्षिचरित्र जुओ - ढड्ढसियचरिय, आचार्य-जिनदत्तसूरि, प्राकृत, गा.२०३ दृष्टान्तरत्नाकर श्लोकबद्ध गणि-अनन्तहंस, सं., पद्य, रचना सं. विक्रम १५७१, पाकाहेम १७७२, पृ. २३, दृष्टान्तरत्नाकर श्लोकबद्ध, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रतिशुद्ध कुल झे.पृष्ठ-२४ दृष्टान्तशतक श्लोकबद्ध सं.प्रा.,मारुगूर्जर, पद्य, पाकाहेम १७७१, पृ. २, दृष्टान्तशतक श्लोकबद्ध, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ दृष्टान्तशतक-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, भांका १०३, पृ. ४, दृष्टान्तशतक अवचूरी, संपूर्ण प्रत विशेष- भण्डारसंदर्भाक-?/८७-९१ डीवीडी-८४ दृष्टान्तशतक-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, भांका १०३, पृ. ४, दृष्टान्तशतक अवचूरी, संपूर्ण प्रत विशेष- भण्डारसंदर्भाक-?/८७-९१ डीवीडी-८४ दृष्टिवाद सं., आदि वाक्य: वन्दित्वा परमात्मानं सर्वलोकावभासिकं... भांका २८६- पे.क्र.१, पृ. १, दृष्टिवाद, षड्दर्शनसमुच्चय सहलघुटीका व तर्कसङग्रह की तर्कदीपिका टीका, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. प्रतिलेखक की भूल से इसमें प्रारंभिक मंगलाचरण पाठ के बाद षड्दर्शनसमुच्चय लघुटीका संलग्न हो गयी है. दृष्टिवाद प्रारंभमात्र ही है. 363
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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