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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रा., पद्य, गा.४९७, आदि वाक्यः वीरं णमिऊण तिलोगभाणुं विसुद्धणाणं सुमहानिहाणं... पातासंघवी १८६-२- पे.क्र.५, पृ. ११३-१५३, आचारनियुक्ति आदि, संपूर्ण डीवीडी-३७/५४ दिवाकरकथा उत्तमसेवायाम् (उत्तमसेवायाम् दिवाकरकथा) प्रा., पद्य, गा.१३९, पातासंघवी १६८- पे.क्र. १३, पृ. ११९-१२४, वन्दारुवृत्ति आदि, संपूर्ण पे. विशेष- उत्तम सेवा उपर डीवीडी-३६/५४ दीक्षाकल्याणकस्तव सं., पद्य, श्लोक१२, आदि वाक्यः स्तुवे चारु चारित्र मार्ग... पाकाहेम ८५१३- पे.क्र.७, पृ.३, जिनस्तोत्रसङ्ग्रह, वि-१६मी, संपूर्ण पे. नाम- साधारणो दीक्षाकल्याणकस्तव कुल झे.पृष्ठ-६ दीक्षाप्रतिष्ठामुहूर्त-मुहूर्तराजान्तर्गत (मुहूर्तराजान्तर्गत-दीक्षाप्रतिष्ठामुहूर्त) सं., पद्य, श्लोक३५, पाकाहेम १४२२३, पृ. २, दीक्षाप्रतिष्ठामुहूर्त-मुहूर्तराजान्तर्गत, वि-१९मी, संपूर्ण दीधिति परिशिष्ट जुओ - प्रत्यक्षमणिदीधिति परिशिष्ट, जैनेतर-गुणानन्द भट्टाचार्य, संस्कृत दीपकपूजा-फलविषये तेजसारनरेन्द्रकथा-गद्य जुओ - तेजसारनरेन्द्रकथा-गद्य दीपकपूजा-फलविषये, संस्कृत, ग्रं.५०० दीपालीकाकल्प पाताहेसं ६०- पे.क्र.३, पृ. ???, कल्पसूत्र, कालिकाचार्यकथा, दीपालीकाकल्प, संपूर्ण पे. विशेष डीवीडी-६/१५ दीपालीकाकल्प जुओ - दीपोत्सवकल्प, आचार्य-सर्वानन्दसूरि, संस्कृत दीपावलीकल्प सं., पद्य, आदि वाक्य: गुरोः श्रीवर्द्धमानस्य वाचः पुण्यरसोज्वलाः... पाताहेसं १६६- पे.क्र. ४, पृ. १-१२-, कल्पसूत्र टिप्पणीसह कालिकाचार्यकथा, संपूर्ण पे. विशेष- अपूर्ण. अन्तनो पत्र नथी. श्लोक-१३८ सुधी छे. आ पत्रो कोई बीजी प्रतनुं लागे छे. एकज पत्र __ नो बे वखत झेरोक्ष थएल छे, परन्तु झे. पत्रांक ६१ अने ६२ क्रमसर आपेलु छे. प्रत विशेष- मूल पत्रांक-१३४+१२=१४६., झेरोक्ष पत्रांक १ नुं बे वखत झेरोक्ष थयेलुं छे, जेना उपर पत्रांक ६६ लखेलुं छे पण खरेखर पार्नु ६४ सुधी ज छे. कुल झे.पृष्ठ-६४, डीवीडी-९/१८ दीपिका टीका जुओ - आचाराङ्गसूत्र-(सं.)दीपिका टीका, आचार्य-जिनहंससूरि, संस्कृत, ग्रं.१०५०० दीपिका टीका जुओ - आचाराङ्गसूत्र-(सं.)दीपिका टीका, संस्कृत, ग्रं.९००० दीपिका टीका जुओ - आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्तिनी (सं.)दीपिका टीका, आचार्य-माणिक्यशेखरसूरि, संस्कृत दीपिका टीका जुओ - उत्तराध्ययनसूत्र-(सं.)दीपिकाटीका, संस्कृत, ग्रं.८६७० दीपिका टीका जुओ - काव्यप्रकाश-(सं.)दीपिका टीका, जैनेतर-जयन्त भट्ट, संस्कृत दीपिका टीका जुओ - सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.)दीपिका टीका, संस्कृत दीपिका टीका जुओ - सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)दीपिकाटीका, मुनि-उपाध्याय साधुरङ्ग, संस्कृत, ग्रं.१३४१६ दीपिका टीका जुओ - सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)दीपिकाटीका, गणि-हर्षकुलगणि, संस्कृत, श्लोक६६०० दीपिका वृत्ति जुओ - पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)दीपिकावृत्ति, आचार्य-उदयप्रभसूरि, संस्कृत दीपोत्सवकल्प (दीपालीकाकल्प) । आचार्य-सर्वानन्दसूरि, सं., वताकांति ४०४, पृ. १५, सर्वानन्दसूरि कृत दीपोत्सव कल्प संस्कृत, संपूर्ण डीवीडी-९७/९८ 361
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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