SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 203
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कवि-बोपदेव, सं., पद्य, ग्रं.४००, पाकाहेम १०६७८, पृ. १६, कविकल्पद्रमधातुपाठ पद्य, वि-१६४२, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१२ पाकाहेम १०६७९, पृ. १७, कविकल्पद्रुमधातुपाठ पद्य, वि-१६४२, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१२ कविकल्पलता टीका जुओ - कविशिक्षा-(सं.)काव्यकल्पलता टीका, आचार्य-अमरचन्द्रसूरि, संस्कृत, ग्रं.३३५७ कविकल्पलतापल्लवशेषविवेक जुओ - कविशिक्षा-(सं.)काव्यकल्पलताटीकानी (सं.)कल्पलताविवेक टीका, संस्कृत कविगुह्यकाव्य जुओ - कविरहस्य, जैनेतर-हलायुध भट्ट, संस्कृत, ग्रं.२९९ कविगुह्यनामकाव्य जुओ - कविरहस्य, जैनेतर-हलायुध भट्ट, संस्कृत, ग्रं.२९९ कविरहस्य (कविगुह्यकाव्य), (अपशब्दाभास कूटकाव्य), (कविगुह्यनामकाव्य), (हलायुधकाव्य) जैनेतर-हलायुध भट्ट, सं., ग्रं.२९९, आदि वाक्यः जयन्ति मुरजित्पादनखदीधितिदीपिक... पाकाहेम ८६८०, पृ.७, अपशब्दाभासकाव्य सावचूरि पञ्चपाठ हलायुधकाव्य, वि-१४९०, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८ कविरहस्य-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, कृ.विः हेमधातुपाठानुसारिणी. पाकाहेम ८६८०, पृ. ७, अपशब्दाभासकाव्य सावचूरि पञ्चपाठ हलायुधकाव्य, वि-१४९०, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८ कविरहस्य जुओ - काव्यमीमांसा, जैनेतर-राजशेखर, संस्कृत कविरहस्य-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, कृ.विः हेमधातुपाठानुसारिणी. पाकाहेम ८६८०, पृ.७, अपशब्दाभासकाव्य सावचूरि पञ्चपाठ हलायुधकाव्य, वि-१४९०, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८ कविशिक्षा मुनि-विनयचन्द्र, सं., आदि वाक्यः नत्वा श्रीभारती देवीं बप्पभटिगुरोगिरा... पातासंघवी १७६-२, पृ. १७७, कविशिक्षा, संपूर्ण प्रत विशेष- त्रुटित पत्रांकानि ७३-७६-८५-९५-१३०-१३५-१४३-१४७-१४८-१५७-१७१-१७३ने १७७ पछीनां पत्रो नथी एवं संख्या बार (१२) नास्ति इत्येवं शेषमपि नास्ति. डीवीडी-३६/५४ कविशिक्षा आचार्य-अमरचन्द्रसूरि, सं.. पाकाहेम १०२१४, पृ. ७४, काव्यकल्पलता कविशिक्षावृत्तिसह, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-७४ पाकाहेम १०३८५, पृ. ४३, काव्यकल्पलता-कविशिक्षावृत्तिसह, वि-१५०१, संपूर्ण __ कुल झे.पृष्ठ-४३ कविशिक्षा-(सं.)काव्यकल्पलता टीका (काव्यकल्पलता टीका), (कविकल्पलता टीका) आचार्य-अमरचन्द्रसूरि, सं., गद्य, ग्रं.३३५७, पाकाहेम १०२१४, पृ. ७४, काव्यकल्पलता कविशिक्षावृत्तिसह, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-७४ पाकाहेम १०३८५, पृ. ४३, काव्यकल्पलता-कविशिक्षावृत्तिसह, वि-१५०१, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४३ कविशिक्षा-(सं.)काव्यकल्पलताटीकानी (सं.)कल्पलताविवेक टीका (कल्पपल्लवशेष), (कविकल्पलतापल्लवशेषविवेक), (कल्पलताविवेक टीका) 186
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy