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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- प्रान्ते कृतिओनी अनुक्रमणिका आपेली छे. कुल झे.पृष्ठ-१७०, डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १८९- पे.क्र. ३२, पृ. १३१A-१३३A, दशवैकालिकसूत्रादि प्रकरणसङ्ग्रह, संपूर्ण पे. नाम- आत्मसम्बोधनकुलक, पे. विशेष- गाथा-२९. प्रत विशेष- त्रुटक. कुल पत्र-४५+१५९=२०४. इसमें दूसरे क्रम के पत्रांक १८-४६ नहीं है. कुछेक पत्रों पर बीजक दिया हुआ है. कुछ पत्रों के आधे भाग खंडित हैं. कुल झे.पृष्ठ-८४, डीवीडी-१०/१९ भांका ११०- पे.क्र. २, पृ. २B-३B, मिथ्यात्वपरिहार, एगुणतीसी भावना व जीवसम्बोध कुलक, संपूर्ण पे. नाम- भावनाकुलं, पे. विशेष- गाथा-२९. प्रत विशेष- लिखावट सुन्दर है. कुल झे.पृष्ठ-२, डीवीडी-८४ एलकाक्षकथा (रात्रिभोजने) (रात्रिभोजने एलकाक्षकथा) प्रा., पद्य, गा.५०. पातासंघवी १६८- पे.क्र. १५, पृ. १३१-१३२, वन्दारुवृत्ति आदि, संपूर्ण पे. विशेष- रात्रि भोजन उपर डीवीडी-३६/५४ एषणाशतक पं.-पार्श्वचन्द्र, मारुगूर्जर, पद्य, गा.१०१, पाकाहेम १०३६२- पे.क्र. १०, पृ. २८-३२, मुहपत्तीछत्रीसी आदिसङ्ग्रह, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एक खूणेथी उंदरे करडेली छे. कुल झे.पृष्ठ-५० पाकाहेम १०७७७, पृ. ५, एषणाशतक, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- गाथा-१०४. अतिजीर्ण. पाकाहेम १०७७८, पृ. ७, एषणाशतक, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८ ओगणत्रीशी भावना कुलक जुओ - एगुणतीसी भावना, प्राकृत, गा.३० ओघनियुक्ति आचार्य-भद्रबाहुस्वामी, प्रा., पद्य, गा.११६३, ग्रं.१४३२, आदि वाक्यः दुविहोवक्कमकालो सामायारी अहाउय कृ.विः गाथा-११४० थी ११९० सुधी मळे छे. पाताखेत ३८-१- पे.क्र. १, पृ. १-८४, ओघनियुक्ति, पिण्डनियुक्ति, वि-१२५९, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-११५४. डीवीडी-६२/६४ पातासंघवीजीर्ण ८८- पे.क्र. १६, पृ. ?, उपदेशमाला, पार्श्वनाथाष्टक आदि अनेक ग्रन्थों के त्रुटक पत्र, त्रुटक पे. विशेष- झेरोक्ष पत्र ६३-७८ तक क्रमशः यह कृति है. प्रत विशेष- नकामी., झेरोक्ष पत्र ८७ बेवडाएल छे. ___ कुल झे.पृष्ठ-९०, डीवीडी-५८/६० पातासंघवीजीर्ण ९२- पे.क्र. ३, पृ. १-८, ओघनियुक्ति आदि, अष्टप्रकारीजिनपूजाकथानक आदि, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा ६१ तक ही उपलब्ध है. प्रत विशेष- जीर्ण-त्रुटक-अव्यवस्थित., झेरोक्ष पत्र बे उपर कथासूची आपेली छे. कुल झे.पृष्ठ-६४, डीवीडी-५८/६० पातासंघवी ९०- पे.क्र. २, पृ. १६७-२७९, आवश्यकनियुक्ति आदि, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-११६२. डीवीडी-३२/५१ 142
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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