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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष पृष्ठ माहिती नथी पत्रों को क्रमबद्ध किये बिना ही झेरोक्ष किया हुआ था अतः पाठानुसन्धान व उपलब्ध पत्रों को क्रम में करने हेतु झेरोक्ष पत्रांक सुधारा गया है. कुल झे. पृष्ठ ६५, डीवीडी - १०३/१०४ एकाक्षरीनाममालामातृकाक्षरानुक्रमेण सं., पद्य, श्लोक४६. पाकाहेम ८७४३- पे.क्र. २, पृ. १-२, एकाक्षरीनाममाला आदि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल की. पृष्ठ-२ एकादश रूद्र प्रा., गद्य, आदि वाक्यः भीमाउली जियसत्तूए रूद्दो.... भांता ७०- पे.क्र. १४५, पृ. १९८B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण पे. नाम पत्त्यादिसेनाविशेष प्रत विशेष सूचीपत्र नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१-२५३. पेटाङ्क- १७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल ४२०० श्लोक, अन्तमां पत्रांक २५०A-२५२4 उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे. पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ एकान्त नित्यानित्यवादभङ्गस्थल सं., आदि वाक्यः प्रत्यादया श्रीव्यात्मके सदित्यमि मन्यमानो... पाकाहेम ७४१२, पृ. ३, एकान्तनित्यानित्यवादभङ्गस्थल, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झ. पृष्ठ-४ पाकाहेम ८७९२- पे क्र. २ पृ. ३-४ ईश्वरजगत्कर्तृत्ववादनिरास आदि वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-६ एकेन्द्रियाणां जीवत्वस्थापना सं. गद्य, आदि वाक्यः वनस्पतयो जीवाजातिजरा सति द्रवत्वात्... भांका २१४- पे.क्र. ५. पृ. ४B, अग्निशीतत्वादिवादस्थलसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-८, डीवीडी-८७ एगवीसठाण जुओ एकविंशतिस्थानप्रकरण, आचार्य-सिद्धसेनसूरि प्राकृत, गा. ६६ एगुणतीसी भावना (वैराग्यकुलक), (ओगणत्रीशी भावना कुलक) (जीवानुशासनकुलक), (भावनाकुलक), (आत्मसम्बोधकुलक) - प्रा. पच, गा.३०, आदि वाक्यः संसारम्मि असारे नत्थि सुहं वाहिवेयणापउरे..... पाताखेत ६- पे.क्र. १७ पृ. १२९ १३१, उपदेशमालादि ५४ ग्रन्थो, संपूर्ण प्रत विशेष- शुद्ध प्रति. · कुल झे. पृष्ठ ११०, डीवीडी-६१/६३ पातासंघवी १६५- पे.क्र. १४, पृ. ?-२३०A, उपदेशमाला आदि, संपूर्ण पे. विशेष - अपूर्ण. त्रुटक रूप में गाथा है. झेरोक्ष पत्र ८७ ९०. इसका उल्लेख सूचीपत्र में नहीं है. कुल झे. पृष्ठ - ९०, डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी ११७-१- पे. क्र. १४, पृ. ९७ ९९, आराधनापताका भगवती आदि, संपूर्ण पे. नाम- जीवानुशासनाकुलक, पे. विशेष- गाथा-२९. कुल झे. पृष्ठ-१०४, डीवीडी-३४/५२ पातासंघवी १४५-१- पे. क्र. १९, पृ. १६१ - १६३, चउसरण आदि, संपूर्ण पे. नाग आत्मसम्बोधनकुलक, पे. विशेष गाथा-२९कुल झे. पृष्ठ ९४ डीवीडी- ३५/५३ पातासंघवी १९०२ पे.क्र. १०, पृ. १९९-२०२ उपदेशमाला आदि संपूर्ण डीवीडी-३७/५४ पाताहेसं १६१- पे.क्र. ४१ पृ. २६०-२६२ दशवेकालिकसूत्र आदि प्रकरण सङ्ग्रह वि-१३८९. संपूर्ण - 141
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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