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________________ कृति उपरथी प्रत माहिती ऋषभजिनस्तोत्र चरित्र गणि-जिनवल्लभ, प्रा., पद्य, गा.२५, आदि वाक्यः नमिय जिणमुसभमुभयं सदेस विलसन्त... पाकाहेम ७७५- पे.क्र. १०, पृ. ३०, दशवैकालिक आदि सूत्रप्रकरण चरित्र स्तोत्र सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एक बाजूथी उंदरे करडेली छे, पत्र-५८,५९ भेगा छे. कुल झे.पृष्ठ-९० ऋषभजिनस्तोत्र शत्रुञ्जयमण्डन सं., पद्य, श्लोक५, आदि वाक्यः आदिनाथ जगन्नाथ.. पाकाहेम १२३६१- पे.क्र.८, पृ. १, महावीरस्तुति आदि, वि-१७मी, संपूर्ण ऋषभदेव, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ महावीर पञ्चस्तवी जुओ - आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ महावीर पञ्चस्तवी, प्राकृत, गा.३१ ऋषभदेवपञ्चकल्याणकस्तव? जुओ - पञ्चकल्याणकप्रकरण, अज्ञात-जिनेन्द्रइन्द्र, प्राकृत, गा.१३७ ऋषभदेवपञ्चकल्लाणयस्तोत्र जुओ - पञ्चकल्याणकप्रकरण, अज्ञात-जिनेन्द्रइन्द्र, प्राकृत, गा.१३७ ऋषभदेवविनती जुओ - शत्रुञ्जयमण्डन ऋषभदेवविनती, उपाध्याय-विनयविजय, मारुगूर्जर, गा.५८ ऋषभदेवस्तव सं., पाकाहेम १४४३६- पे.क्र. २, पृ. ५, षड्भाषामयपार्श्वनाथस्तव सटीक आदि, वि-१९मी, संपूर्ण ऋषभदेवस्तवन आचार्य-कमलकलशसूरि, सं., पद्य, का.२५, आदि वाक्यः पवित्रमन्त्रशिवसौध... पाकाहेम १२३५१, पृ. १, ऋषभदेवस्तवन, वि-१८मी, संपूर्ण ऋषभदेवस्तवन चउतीस अतिशयगर्भित (चउतीस अतिशयगर्भित ऋषभदेवस्तवन) मारुगूर्जर, पद्य, गा.२१, आदि वाक्यः नाभिनरिन्दमलहारु... पाकाहेम ९०२- पे.क्र. ५०, पृ. २३२-२३३, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३१ ऋषभदेवस्तुति सं., पद्य, श्लोक९, आदि वाक्यः येनेदं सकलं समूल... तालाद ३३९- पे.क्र. ४, पृ. ६२-६३, जीवविचारप्रकरणादि, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२४, डीवीडी-९४/९६ ऋषभदेवस्तुति जुओ - शत्रुञ्जयमण्डन-युगादिदेवस्तोत्र, आचार्य-सोमसुन्दरसूरि, संस्कृत, श्लोक१६ ऋषभदेवस्तोत्र सं., पद्य, श्लोक१०, पाकाहेम ७३०७- पे.क्र. २३, पृ. २३मुं, शीलसन्धि आदि सङ्ग्रह, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१७ ऋषभदेवस्तोत्राष्टक सं., पद्य, का.८, आदि वाक्यः नरेन्द्रनाभिनन्दनं... पाकाहेम १२२२०- पे.क्र.३, पृ. १, प्रत्याख्यानागार, चोरासी गच्छना नाम तथा ऋषभदेवस्तोत्राष्टक, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ ऋषभदेवाज्ञास्तव जुओ - नयगमस्तव, आचार्य-जिनप्रभसूरि, प्राकृत, गा.११ ऋषभपञ्चाशिका (धनपालपञ्चाशिका) कवि-धनपाल, प्रा., पद्य, गा.५०, आदि वाक्यः जय जन्तुकप्पपायव! चन्दायवरायपङ्कयवणस्स।... पाताखेत ११- पे.क्र. १३, पृ. २४५-२५०, बृहत्सङ्ग्रहणी आदि १३ ग्रन्थो, वि-१२७८, संपूर्ण प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्र १,८,३१,७४,९० कुल पांच पाना घटे छे. ___ कुल झे.पृष्ठ-११२, डीवीडी-६१/६३ पाताखेत २८-२- पे.क्र. २, पृ. १-६, दशवैकालिकनियुक्ति ऋषभपञ्चाशिका कर्मविपाक, संपूर्ण 133
SR No.018002
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages895
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size6 MB
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