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________________ (भांका) भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना (कागळ) स्थिति पूर्णता प्रतिलेखन वर्ष ग्रंथांकः प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम प्रतविशेष माप पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष परिमाण रचना वर्ष क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडीझे.पत्र/ो.पत्र) कति प्रकार ८७(९) आदिवाक्य १९२ चतुःशरणविषमपद-विवरण आदि श्रष्ट संपर्ण कागज (जुनो नं. १८९१-९५/१३६४)सूचीपत्र नं.१-२८४, १२९७.१:३०८.१-३२२..(१०x४...१९४६२). (पे.पू. 9A-4A) .वि. : सूचीपत्रांक-१-२८४. (पे.पृ. 4B-९०) पे.वि. : सूचीपत्रांक-१-२९७. गा.६३ अहें चतः देशस्य त्रसकायस्य (पे.१) चतुःशरणप्रकीर्णक-विषमपदविवरण (पे.२) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत्विवरण (पे.३) भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णक-अवचूरि. (पे.४) संस्तारकप्रकीर्णक-अवचूरि भूत धातुर्धारणे वसन्तपुरे गायन: गद्य पद्य गुणरलसूरि सं.. गा. १२२ (पे.पू. ९०-११/पे.वि. : सूचीपत्रांक-१-३०८.. (पे.पृ. ११A-१३०) पे.वि. : सूचीपत्रांक-१-३२२. कर्ता-गणरत्नसुरि. (जुनो नं. १८९१-९५/०)६६, नथी. जीर्ण १९३ : भगवति आराधना मूल भगवती आराधना संपूर्ण कागज १३५ .......... ८७(६८) ..... १९४ : चरित्रसार सह टिप्पण जीर्ण संपूर्ण कागज वि. १५५० २७ ८७(१८) (जुनो नं. १८९१-९५/०)ग्रन्थान-१८००. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. पदच्छेद, संधिसूचकादि संशोधनात्मक चिहनों के साथ. प्रारंभिक कुछ अंश नहीं है. पत्रांक-२४-५० है. दिगम्बरमतमान्य कृति. लेखन स्थल : हिंसार चारित्रसार चामुण्डराय गं.१८०० अरिहननरजोहननरहस्यहरं गद्य जीर्ण कागज वि. १८९४ ८७(६) (जुनो नं. १८९२-९५/८६८) चारित्रसार-टिप्पण षड्दर्शनसमुच्चय सह अवचूरि व सत्तानिरूपण (पे.१) षड्दर्शनसमुच्चय सह अवचूरि (प. पृ. 9A-RA/ पे.वि. : अवचूरि टबार्थ शैली में लिखी गयी है. षडदर्शनसमच्चय हरिभटसरि लाक/ सहर्शनं जिनं नत्वापद्य श्रीमद्वीरजिनं नत्वा षड्दर्शनसमुच्चय-अवचूरि (पे.२) सत्तानिरूपण आवश्यकसूत्रनियुक्ति श्रेष्ठ : संपूर्ण कागजवि . १४८३ ३५ ८७(२५) (प.पू. ९०-९ (जुनो नं. १८९२-९५/६२९)सूचीपत्र नं.१-१००२. :/गाथा-३२९४..(१०४४.२४४६०) आनुं अने नंदिसूत्रनुं आदिवाक्य समान छे. आवश्यकसूत्र-नियुक्ति भद्रबाहुस्वामी प्रा. गा. २५०० ग्रं.३१०० कागज जयइ जगजीवजोणी वियाणओ १९७ : सुगुणकुमारकथानक संपूर्ण .......... ८७(४).. (जुनो नं. १८९२-९५/८९९)सूचीपत्रक्रम-४-८३९......
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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