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________________ ग्रंथांक स्थिति पूर्णता प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटॉक पृष्ठ, पेटा विशेष श्लोक १८ पद्य (प.पू.) पै.वि. : गाथा-१७. श्लोक33 श्रीपाच पात गा.८ ॐनमो भगवते पार्श्व पद्य (पे.पू.३... : मध्यम संपण कागज १६मी ५६ गा. १५४ .१८० (पे.२) जैनरक्षास्तोत्र (पे.३) अष्टोत्तरशतनामगर्भित पाचस्तोत्र पार्श्वनाथस्तोत्र अष्टोत्तरशतनामगर्भित (पे.४) पार्श्वनाथस्तोत्र मन्त्रगर्मित दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति आदि (4.9) दशाश्रुतस्कन्ध-नियुक्ति भद्रबाहस्वामी (2.२ दशाश्रुतस्कन्ध-चूर्णी (पे.३) दशाश्रुतस्कन्ध भद्रबाहस्वामी अष्टभाषाबद्धनेमिजिनस्तवन आदि मध्यम (पे.2) अष्टभाषाबद्धनेमिजिनस्तवन ... (पे.२) वीरजिनस्तवन विविधचित्रबद्ध । जिनप्रभसूरि (पे.३) अजितनाथस्तवन यमकबन्ध... : जिनप्रभसूरि (पे.४) क्रियागुप्तस्तुतिचतुर्विशतिका । सागरचन्द्र विविध छन्दोमयी वन्दामि भद्दबाई मडगलादीणि सत्थाणि :गद्य ग्रं.२०१६ नमो अरहन्ताणं. कागज स..प्रा..अपर्भ. श्लोक १ चित्र स्तोष्ये श्लोक २८ श्लोक २१ विश्वेश्वरं मथितमन्म पद्य श्लोक २५ (१२४४.५) (पे.पू. १-३). (पे.पू. ३-३३).पे.वि. : ग्रन्थाग-२२२५. (प.पू. ३४-५६) (११.७X४.५) (पे.पू.22. (पे.पू. १-२) [कृ.वि. : मुहूर्तराजान्तर्गत] (प.पू. २-३) (पे.प्र.३-४) [कृ.वि. : अन्तवाक्य-सागरचन्द्र इत्यभिध० नानावृत्तनिवेशपेशलतरैर्युक्ताक्रियागुप्तकैः] (पे.पू. ४-4) (पे.पू. ५-६) (प.पू.६... (प.पू.६-०.. (पे.प्र. ) (पे.पृ. ७-८) [कृ.वि. : दण्डक-२५] सिद्धसूरि श्लोक २२ रत्नप्रभसरि FFEEE EEEEE : जिनप्रभसरि श्लोक 10 EEEEEE जिनप्रभसूरि श्लोक ३४ श्लोक८ इन्द्रभूति वसुभूति का. २५ (पे.५) लघुअजितशान्तिस्तव (पे.६) नेमिनाथस्तवन (प.७) व्याश्रयमय वीरस्तवन (प.८) समवसरणस्तवन (पे.९) गौतमाष्टक (पे.१०) चतुर्विंशतिजिननमस्कार दण्डक छन्दोमय (पे.१9) वीरजिनस्तव नेमिव्यक्षरस्तव सावचूरि नेमिदव्यक्षरस्तव नेमिव्यक्षरस्तव-अवचूरि. :ज्ञानसार व हिंसाष्टक सह स्वोपज्ञ दवाथ जिनप्रभसरि श्लोक२५ (पे.प.८-९) कागज (११.५४४.५ नम अक्षरद्य. वि. १८६९५६ (१०.५४५) 505
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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