SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 521
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष: पत्र प्रत प्रकार ग्रंथांकप्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष (१०.५४४.५) । मध्यम FEEEEEEEE (२).. पद्य (१०.५४५.२) प.पू.) देवसुरि वादिदेवसूरि श्रेष्ठ वज्रस्वामि कागज.. वि.२०मी. गा.३६ ग्रं.३९.. :धरणोरगेन्द्रसुरपति श्लोक कागज.............वि. २०मी. का.११ स्वणोष्टाग्रसहस्र, (पे.पू. १) का.५ (पे.पृ. १) (पे.पू.? (पे.पू..?.... :(११४४.५) का.७ : विजयप्रभस्वामि मध्यम कागज वि.१५मी (२) महीमेरु श्लोक ५३ ६८ : पार्श्वनाथ-धरणोरगेन्द्रस्तव आदि .... (2.9) धरणोरगेन्द्रस्तव (पे.२) कुरुकुल्लास्तव गौतमस्वामिस्तवन आदि (ये.9) गौतमस्वामि स्तवन (ये.२) गौतमस्वामिस्तवन (पे.३) देवपत्तनजिनस्तवन ११२८० जिनस्तुतिगर्भितक्रियागुप्त पञ्चविंशतिका जिनस्तुतिगर्भित क्रियागुप्त पञ्चविंशतिका पार्श्वनाथस्तोत्र स्वोपज्ञटीकासहित पञ्चपाठ यमकमय पार्श्वनाथ यमकमय स्तोत्र पार्श्वनाथ यमकमय स्तोत्र-स्वोपज्ञ टीका ११२८६ पञ्चजिनस्तव हारवन्ध सावचूरि पञ्चजिनस्तव हारबन्ध पञ्चजिनस्तव हारबन्ध-अवचूरि.. ११२९० चतुर्विशतिजिनस्तुति ११२८१ श्रेष्ठ संपूर्ण कागज वि. १६मी (११X४.५० पुण्यरत्नसूरि :पुण्यरलसूरि श्लोक १५. श्लोक १५ मध्यम कागज .........वि. १६मी (११.२४४.७) कुलमण्डनसूरि ... श्लोक २३ गरीयोगणश्रेण्य... संपूर्ण (११४५) श्रेष्ठ श्रीपाल कविचक्रवर्ती कागज...........वि. २०मी... श्लोक २९ श्रेष्ठ संपूर्ण कागज वि.२०मी :(११४५) ११२९१ द्वात्रिंशदलकमलबन्धमय महावीरस्तवन उदयधमे श्रेष्ठ श्लोक १८ कागजवि . १९०८ ११२९३ परमेष्ठिअष्टक आदि (३) सूचिपत्र में मुद्रण दोष से प्रत क्रमांक-१११९३ दिया है., (११४५) (प.पू. १) पे.वि.: गाथा-६. (.9) पञ्चपरमेष्ठिनमस्कारस्तवन स.प्रा. श्लोक८ : परमेष्ठि नमस्कारपद्य 504
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy