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________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र स्थिति पूर्णता प्रत प्रकार ग्रंथांकपत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य प्रा. अध्याय ६उद्दे. णो कप्पइणिग्गन्थाण बृहत् कल्पसूत्र बृहत् कल्पसूत्र-नियुक्ति बृहत् कल्पसूत्र-लघुभाष्य । आ. प्रा. गा.६६०० काऊण नमोक्कारं तित्थ पद्य भद्रबाहुस्वामी भद्रबाहुस्वामी सङ्घदास गणि क्षमाश्रमण मलयगिरिसूरि, क्षेमकीर्ति जीर्ण बृहत् कल्पसूत्र-वृत्ति सं.प्रा. प्रकटीकृतनिःश्रेयसपद गद्य क्षेमकीर्तिसूरि वडे सं. १३३२ मां परिपूरित. प्रतिपूर्ण कागज वि. १६मी १३६ : (१३६) श्लोक-१०,०००., (१३.५४५.२) १०३१६ बृहत्कल्पसूत्र नियुक्ति-लघुभाष्य वृत्तिसहित - द्वितीयखण्ड बृहत् कल्पसूत्र बृहत् कल्पसूत्र-नियुक्ति बृहत् कल्पसूत्र-लघुभाष्य अध्याय ६उद्दे. णो कपडणिग्गन्थाण भद्रबाहस्वामी भद्रबाहुस्वामी सङ्घदास गणि गा.६६०० काऊण नमोक्कारं तित्थ : पद्य समाश्रमण बृहत् कल्पसूत्र-वृत्ति सं.प्रा. प्रकटीकृतनिःश्रेयसपद गद्य क्षेमकीर्तिरि वडे सं. १३३२ मा परिपूरित. मलयगिरिसूरि. क्षेमकीर्ति जीर्ण प्रतिअपूर्ण कागज वि.१६मी (४२) (93.५४५.२) बृहत्कल्पसूत्र नियुक्ति-लघुभाष्यवृत्तिसहित - तृतीयखण्ड अपूर्ण बृहत् कल्पसूत्र बृहत् कल्पसूत्र-नियुक्ति... बृहत् कल्पसूत्र-लघुभाष्य अध्याय ६७६. णो कप्पइ णिग्गन्थाण प्रा. गा.६६०० काऊण नमोक्कारं तित्थ पद्य भद्रबाहुस्वामी भद्रबाहुस्वामी सङ्घदास गणि क्षमाश्रमण मलयगिरिसूरि, क्षेमकीर्ति जीर्ण बृहत् कल्पसूत्र-वृत्ति सं.प्रा. प्रकटीकृतनिःश्रेयसपद गद्य क्षेमकीर्तिसूरि वडे सं. १३३२ मा परिपूरित. प्रतिपूर्ण कागज वि.१६मी ७७ (७८) पत्र पमुं डबल छे. /ग्रन्थान - ५५५१., (१३.५४५.२) १०३१८ बृहत्कल्पसूत्र नियुक्ति-लघुभाष्य वृत्तिसहित चतुर्थखण्ड बृहत् कल्पसूत्र बृहत् कल्पसूत्र-नियुक्ति बृहत् कल्पसूत्र-लघुभाष्य अध्याय ६उ६. णो कपडणिग्गन्थाण भद्रबाहुस्वामी प्रा.. भद्रबाहुस्वामी सङ्घदास गणि क्षमाश्रमण मलयगिरिसूरि..........सं. :गा.६६०० काऊण नमोक्कारं तित्थ पद्य बृहत् कल्पसूत्र-वृत्ति .................. प्रकटीकृतनिःश्रेयसपद गद्य क्षेमकीर्तिसूरि वडे सं. १३३२ मा परिपूरित. 456
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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