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________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र ग्रंथांक स्थिति पूर्णता प्रत प्रकार प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य कति प्रकार नन्दीसूत्र-लघुवृत्ति अनुयोगद्वारसूत्र सं. संपूर्ण १००२९ कोष्टक (३५) .......... (१३.५४५.२). श्रेष्ठ कागज :वि. १५६९ आर्यरक्षितसूरि ग्रं.२००५ नाणं पञ्चविहं पण्णत १००३० संपूर्ण कागज प्रति पाणीथी भींजायेली छे., (१३.५४५.२)... अनुयोगद्वारसूत्र चूर्णि अनुयोगद्वारसूत्र-चूर्णी वि. १५७४ वि. मी :२८ किञ्चि पञ्चविहायार ग्रं. २२६८ श्रेष्ट जिनदास गणि क्षमाश्रमण जीर्ण १००३१ दशाश्रुतस्कन्धसूत्र.. कागजवि . १५७३ :२८ ...(२९)............... ग्रन्थान-१८३०.. (१३.५४५.२).. :दशाभतस्कन्ध भदबाहस्वामी :नमोअरहन्ताण.. जीर्ण संपूर्ण कागज वि.१६मी (२९) (१३.५४५.२) भद्रबाहस्वामी गा.१५४ . १८०: तुन्द्रामिभहबाह जीर्ण १००३२ दशाश्रुतस्कन्धसूत्र नियुक्ति दशाश्रुतस्कन्ध-नियुक्ति १००३३ दशाश्रुतस्कन्धसूत्र चूर्णि दशाश्रुतस्कन्ध-चूर्णी १००३४ कल्पसूत्रनियुक्ति-दशाश्रुतस्कन्ध अष्टमाध्ययनननियुक्ति संपूर्ण प्रा. संपूर्ण गं.२२२५ मध्यम (9) ...... कल्पसूत्र-नियुक्ति ..... ........ १००३५ कल्पसूत्र सन्देहविषौषधिवृत्ति भद्रबाहुस्वामी जीर्ण संपूर्ण ४५ (64) कागज वि.१६मी....३६ (३६) (१३.५४५.२) मडगलादीणि सत्थाणि गद्य :कागज वि. १६मी गाथा-६६. पत्र बीजामा क्रमांक ९९९०ना टिप्पणमां जणाव्या प्रमाणेनुं चित्र छे., (१३.५४५.२). गा.६७ : पज्जोसमणाए अक्खराई पद्य कागज वि.१६मी प्रथम पत्रमा समवसरणनुं भव्य चित्र छे.. (१३.५४५.२) ग्रं. २१६८ ......... वि. १३६४ कागज वि.१६मी (१३-५४५.२. अध्याय ६उद्दे. :णो कपाणिग्गन्थाण कागज वि. १६मी । 1)..............: (१३.५४५-२ अध्याय ६उद्दे. णो कप्पइणिग्गन्थाण : कागज वि.१६३४ :१०८ 1(१०८) ग्रन्थान-५२००. पत्र ५६, डबल छे..(१३.५४५.२.. गा.६६०० काऊण नमोक्कारं तित्थ पद्य जिनप्रभसूरि मध्यम संपूर्ण भद्रबाहुस्वामी कल्पसूत्र-सन्देहविषौषधिवृत्ति 1१००३६ बृहत्कल्पसूत्र बृहत् कल्पसूत्र १००३७ बृहत्कल्पसूत्र बृहत् कल्पसूत्र १००३८: कल्पलघुभाष्य-बृहत्कल्पसूत्रलघुभाष्य बृहत् कल्पसूत्र-लघुभाष्य मध्यम भद्रबाहुस्वामी श्रेष्ट सङ्घदास गणि क्षमाश्रमण जीर्ण :कागज (२१३)............ । (१३.५४५.२. १००३९ : कल्पचूर्णि-बृहत्कल्पसूत्रचूर्णि.... बृहत् कल्पसूत्र-कल्पचूर्णी |१००४० कल्पविशेषचूर्णि ग्र.१४/४ गद्य वि. १५७४२१२ मडगलादीणि सत्थाणि ........ वि. १६मी. १५२ 432 कागज । (१५३) ............ पत्र ६३-६४ भेगां छे.. (१३.५४५.२)
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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