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________________ ग्रंथांक स्थिति पूर्णता प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार गद्य प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र प्रा. ग्रं. १८३१ संपूर्ण कागज वि.१६मी १००२१ चन्द्रप्रज्ञप्तिउपाङ्गसूत्र टीका चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र-वृत्ति जयति नवनलिणिकुवलयविय १६९... मुक्ताफलमिव करतलकलित ४२ (१६९)......(१३.५४५.२) गद्य मलयगिरिसूरि ग्रं. ९५०० १००२२ सूर्यप्रज्ञप्तिउपाङ्गसूत्र जीर्ण संपूर्ण कागज वि. १५७२ (४२) प्रथम पत्रमा समवसरण सुन्दर चित्र छे... (१३.५४५:२). गं.२२०० नमो अरिहन्ताणं सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र १००२३ सूर्यप्रज्ञप्तिउपाङ्गसूत्र टीका जीर्ण संपूर्ण कागज वि.१५७२ 1१४३ (१४४) ग्रन्थान-९५००. प्रथम पत्रमा समवसरणनुं सुन्दर चित्र छे. पत्र ६२-६४ मेगां छे., (१३.५४५.२) मलयगिरिसरि ग्रं.९१२५ यथास्थितं जगत्सर्व :गय सूर्यप्रज्ञप्तिसुत्र-वृत्ति १००२४ । निर्यावलिकोपाङ्गसूत्र मध्यम संपूर्ण कागज :वि. १५७२ (२१) प्रथम पत्रमा समवसरण सुन्दर चित्र छे.. (१३.५४५.२). ग्र.११०० तेणं कालेणं तेणं निरयावलिकादिपञ्चोपाङगसूत्र १००२५ निर्यावलिकोपाङ्गसूत्र वृत्ति : मध्यम संपूर्ण कागज 1१२ वि. १६मी (१३) ग्रन्थान-६५०. प्रथम पत्रमा नरकविपाक भावने सूचवतुं सुन्दर चित्र छे..(१३.५४५.२) गं.E४० निरयावलिकादिपञ्चोपाङ्गसूत्र-वृत्ति १००२६ नन्दिसूत्र गद्य श्रीचन्द्रसुरि श्रेष्ठ वि. १२२८ . :पाश्वनाथं नमस्कृत संपूर्ण कागज वि. १५६९ (१५) ग्रन्थान-५००. प्रथम पत्रमा समवसरणनुं सुन्दर चित्र छे..(१३.५४५.२), आनुं अने आवश्यकनियुक्तिनुं आदिवाक्य समान नन्दीसूत्र देववाचक प्रा. ग्र.७०० संयक्तप+ग जयइ जगजीवजोणीवियाणओ १००२७ नन्दिसूत्रचूर्णि अष्ट कागज वि.१६मी २० (२०) जुना केटलोगमा उपासकदशांगचूर्णि एम अशुद्ध छपाएल छे. जुओ नवा केटलोगनुं शुद्धिपत्र., (१३.५४५:२). नन्दीसूत्र-चूर्णि जिनदास गणि :प्रा. :शक. ५९८ क्षमाश्रमण १००२८ नन्दिसूत्रलघुवृत्ति मध्यम संपणे वि. १६मी ३१ जुना केटलोगमा उपासकदशांगसूत्र लघुवृत्ति एम: अशुद्ध छपाएल छे. जुओ नवा केटलोगर्नु शुद्धिपत्र., (१३.५४५.२) 431
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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