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________________ ग्रंथांक स्थिति पूर्णता प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता भाषा कृति प्रकार सुधर्मास्वामी तेणं कालेणं तेणं ग्रं.८९० कागजवि . मी : १०००५ : अनुत्तरीपपातिकदशागसूत्र : मध्यम : संपूर्ण (५) : प्रथम पत्रमा पाँच अनुत्तरविमाननुं सुन्दर चित्र छे..(१३.५४५.२) गं.१९२ तेणं कालेणं तेणं सुधर्मास्वामी मध्यम :प्रा. संपूर्ण १०००६ : प्रश्नव्याकरणागसूत्र कागज वि. १५७० २५ (२६) ग्रन्थान-१३३९. प्रथम पत्रमा समवसरणनुं आकर्षक चित्र छे...(१३.५४५.२).. : सुधमोस्वामी गं. 9340 नमोअरहन्ताणं जम्न गद्य प्रश्नव्याकरणसूत्र १०००७ उपासकदशाड़गसूत्रवृत्ति आदि श्रेष्ठ कागज वि. १६मी १०५ (१०६) पेटांक-१ थी३ना श्लोक-१३००. प्रथम पत्रमा क्रमांक १०००३ना टिप्पणमां जणाच्या प्रमाणेनुं भव्य चित्र छे...(१३.५४५.२). (पे.पू. १-१७) (पे.पृ. १७-२३) ग्र.९०० अभयदेवसूरि अभयदेवसूरि श्रीवर्द्धमानमानम्य अथान्तकृद्दशासु किम गद्य गद्य ग्र.१३५६ (4.) उपासकदशाङ्गसूत्र-वृत्ति .... (पे.२) अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र-अभयदेवीय उत्ति (पं.३) अनुत्तरीपपातिकदशागसूत्र अभयदेवसरि सं. ग्रं. १०५ अथानुत्तरोपपातिकदशा : गद्य (पे.पृ. २३-२५) गद्य (4.४) प्रश्नव्याकरणसूत्र-वृत्ति ....... : विपाकसूत्र अभयदेवसरि मध्यम ग्रं. ४६३० कागज : १०००८ संपूर्ण : वि.१६मी (२२) (प.पू. २५-१०५) ग्रन्थान-१२४५. प्रथम पत्रमा मृगापुत्रना दुःखविपाकने सूचवतुं अति आकर्षक भावपूर्ण चित्र छे.. (१३.५४५.२) सुधमोस्वामी प्रा. ग्र.१३१६ तेणं कालेणं तेणं १०००९ / विपाकसूत्र वृत्ति मध्यम सपण कागज ग्रन्थान-९५०. प्रथम पत्रमा क्रमांक ९९९०ना टिप्पणमा जणाव्या प्रमाणेनुं चित्र छे.. (१३.५४५.२) ग्रं.९०० नत्वा श्रीवर्द्धमाना गद्य (२०) संपूर्ण कागज वि. १६मी २० अभयदेवसूरि श्रेष्ठ सुधर्मास्वामी :श्रेष्ठ (१३.५४५.२) विपाकसूत्र-वृत्ति १००१०: औपपातिकउपाङ्गसूत्र औपपातिकोपागसूत्र १००११ औपपातिकउपाङ्गसूत्र वृत्ति ...........--- :प्रा. गं.११६७ तेणं कालेणं तेणं संपूर्ण कागज :वि. १५७१ (६०) ग्रन्थान-३१२५. प्रथम पत्रमा अम्बङ परिव्राजक सुलसा श्राविकाना सम्यक्त्वनी परीक्षा करी रह्यो छे ते भावने सूचवता चित्र सहित भगवान 429
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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