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काव्यप्रकाश]
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[काव्यप्रकाश
वर्णित अर्थालंकार हैं-उपमा, अनन्वय, उपमेयोपमा, उत्प्रेक्षा, ससंदेह, रूपक, अनुति, श्लेष, समासोक्ति, निदर्शना, अप्रस्तुतप्रशंसा, अतिशयोक्ति, प्रतिवस्तूपमा, दृष्टान्त, दीपक, मालादीपक, तुल्ययोगिता, व्यतिरेक, आक्षेप, विभावना, विशेषोक्ति, यथासंख्य, अर्थान्तरन्यास, विरोध, स्वभावोक्ति, व्याजस्तुति, सहोक्ति, विनोक्ति, परिवृत्ति, भाविक, काव्यलिङ्ग, पर्यायोक्त, उदात्त, समुच्चय, पर्याय, अनुमान, परिकर, व्याजोक्ति, परिसंख्या, कारणमाला, अन्योन्य, उत्तर, सूक्ष्म, सार, असंगति, समाधि, सम, विषम, अधिक, प्रत्यनीक, मीलित, एकावली, स्मरण, भ्रान्तिमान्, प्रतीप, सामान्य, विशेष, तद्गुण, अतद्गुण, व्याघात ।
'काव्यप्रकाश' में शताब्दियों से प्रवाहित काव्यशास्त्रीय विचारधारा का सार-संग्रह किया गया है और अपनी गंभीर शैली के कारण यह ग्रन्थ शांकरभाष्य एवं महाभाष्य
की भांति महनीय बन गया है । इसी महत्ता के कारण इस पर ७५ के लगभग टीकाएँ लिखी गयी हैं। इसकी सर्वाधिक प्राचीन टीका माणिक्यचन्द्र कृत 'संकेत' है जिसका समय ११६. ई० है । आधुनिक युग के प्रसिद्ध टीकाकार वामन झलकीकर ने अपनी 'बालबोधिनी' टीका में ( १७७४ ई०) ४६ टीकाकारों का विवरण दिया है-१ माणिक्यचन्द्रकृत 'संकेत' टीका, २ सरस्वतीतीर्थकृत 'बालचित्तानुरब्जिनीटीका' (सं० १२९८ ), ३ जयन्त भट्टकृत 'दीपिका' टीका (सं० १३५० ), ४ सोमेश्वरकृत 'काव्यादर्श' टीका, ५ विश्वनाथकृत 'दर्पण' टीका, ६ परमानन्ददासकृत 'विस्तारिका' टीका, ७ आनन्दकविकृत 'निदर्शना' टीका, ८ श्रीवस्तलान्छनकृत 'सारबोधिनी' टीका, ९ महेश्वरकृत 'आदर्श' टीका, १० कमलाकरभट्टकृत 'विस्तृता' टीका, ११ नरसिंहकृत 'नरसिंहमनीषा' टीका, १२ भीनसेनकृत 'सुधासागर' टीका, १३ महेन्द्रचन्द्ररचित 'तात्पर्यविवृति' टीका, १४ गोविन्दकृत 'प्रदीपच्छाया' घ्याख्या, १५ नागेश भट्टकृत 'लम्वी' टीका, १६ नागेशभट्टकृत 'बृहती' टीका, १७ वैद्यनाथकृत 'प्रदीप' की 'उद्योत' नामक टीका, १८ वैद्यनाथकृत 'प्रभा' टीका, १९ वैद्यनाथविरचित 'उदाहरणचन्द्रिका' टीका, २० राघवरचित 'अवचूरि' टीका, २१ श्रीधरकृत टीका, २२ चण्डीदासकृत टीका, २३ देवनाथकृत टीका, २४ भास्करकृत 'साहित्यदीपिका' टीका, २५ सुबुद्धिमिश्रकृत टीका, ०६ पद्मनाभकृत टीका, २७ मिथिलेश के मन्त्री अच्युतकृत टीका, २८ अच्युततनय रत्नपाणिकृत टीका, २९ भट्टाचार्यकृत 'काव्यदर्पण' टीका, ३० भट्टाचार्य के पुत्र रविरचित 'मधुमती' टोका, ३१ 'तत्त्वबोधिनी' टीका ( अज्ञात), ३२ कौमुदीटीका ( रचयिता का नाम अज्ञात ), ३३ 'आलोक' टोका, ३४ रुचककृत 'संकेत' टीका, ३५ जयरामकृत 'प्रकाशतिलक' टोका, ३६ यशोधरकृत टीका, ३७ विद्यासागर निर्मित टीका, ३८ मुरारीमिश्रकृत टीका, ३९ मणिसारकृत टीका, ४० पक्षधरकृत टीका, ४१ सूरिकृत 'रहस्यप्रकाश' टीका, ४२ रामनाथकृत 'रहस्यप्रकाश' टीका, ४३ जगदीशकृत टोक', ४४ गदाधरकृत टीका, ४५ भास्करकृत 'रहस्य निबन्ध' टीका, ४६ रामकृष्णकृत 'काव्यप्रकाश भावार्थ' टीका, ४७ वाचस्पतिमिश्रकृत टीका, ४८ वामन झलकीकरकृत 'बालबोधिनी' टीका। इन टोकाओं के अतिरिक्त विद्याधरचक्रवर्तीकृत संजीवनी टीका ( आंग्लानुवाद सहित प्रकाशित मोतीलाल बनारसीदास,