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________________ लेखक का परिचय रोहतास जिले ( बिहार ) के नौहट्टा ( थाना रोहतास ) नामक ग्राम में जन्म । पिता का नाम-स्व० बाबू त्रिभुवन लाल जी। प्रारम्भ में काव्य-लेखन तदनन्तर समालोचना की ओर प्रवृत्ति । १९५५ ई० में पटना विश्वविद्यालय से हिन्दी एम० ए० की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण। १९६२ ई० में काशी हि० वि० वि० से संस्कृत एम० ए० की परीक्षा में द्वितीय श्रेणी प्राप्त । १९६८ ई० में आचार्य विश्वनाथप्रसाद मिश्र के निर्देशन में पी-एच० डी० की उपाधि, मगधविश्वविद्यालय बोधगया से 'अलंकारों का ऐतिहासिक विकास : भरत से पद्माकर तक' नामक विषय पर । सम्प्रति "ध्वनि सिद्धान्त एवं पाश्चात्त्य साहित्य-चिंतन' नामक विषय पर डी० लिट के लिए शोधकार्य में निरत । १९५५ ई० से सच्चिदानन्द सिन्हा महाविद्यालय औरंगाबाद (बिहार ) में अध्यापन । प्रकाशित कृतियाँ (१) भारतीय काव्यशास्त्र के प्रतिनिधि सिद्धान्त (चौखम्बा प्रकाशन) (२) अलंकारानुशीलन-( उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत ) , (३) अलंकार-मीमांसा (चौखम्बा प्रकाशन ) (४) अलंकार शास्त्र की परम्परा (५) अपभ्रंश साहित्य परम्परा और प्रवृत्तियाँ , (६) संस्कृत साहित्य कोश (७) भारतीय साहित्य शास्त्र कोश ( बिहार हिन्दी प्रन्थ अकादमी, पटना) (८) भारतीय आलोचनाशास्त्र (९) अलंकारों का ऐतिहासिक विकास शीघ्र ही प्रकाश्य ग्रन्थ (१) पाश्चात्त्य साहित्यशास्त्र भाग १-२ (२) श्री राधा ( महाकाव्य ) यन्त्रस्थ संस्कृत साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास भाग १-२
SR No.016140
Book TitleSanskrit Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajvansh Sahay
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year2002
Total Pages728
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
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