SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 174
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ...काल... 156 कालेषु ...काल... -VI. iii. 14 कालात् - IV. iii. 43 देखें-प्रावृटशरत् VI. iii. 14 कालवाची (सप्तमीसमर्थ) प्रातिपदिकों से (साधु, ...काल... - VI. iii. 16 . पुष्यत्, पच्यमान अर्थों में यथाविहित प्रत्यय होता है)। देखें - घकालतनेषु VI. iii. 16 साधु = उचित, उपयोगी। कालः -IV.ii.3 पुष्यत् = खिलता हुआ। (नक्षत्रविशेषवाची तृतीयासमर्थ प्रातिपदिक से उन पच्यमान = परिपक्व होता हुआ। नक्षत्रों से युक्त) काल अर्थ को कहने में) (यथाविहित ....कालात् - IV. iv.71 = अण् प्रत्यय होता है)। देखें - अदेशकालात् IV.iv.71 . कालनाम्न: -VI. iii. 16 कालात् - V.i.77 काल के नामवाची शब्दों से उत्तर (सप्तमी का घसज्ज्ञक (यहाँ से आगे V.i.96 तक के कहे हुए प्रत्यय) कालप्रत्यय, काल शब्द तथा तनप्रत्यय के उत्तरपद रहते विकल्प करके अलुक् होता है)। . वाची प्रातिपदिकों से (हुआ करेंगे,ऐसा जानें)। कालप्रयोजनात् - V.ii. 81 कालात् - V.i. 106 कालवाची तथा प्रयोजनवाची प्रातिपदिकों से (रोग' । (प्रथमासमर्थ) काल प्रातिपदिक से (षष्ठ्यर्थ में यत् अभिधेय हो तो कन् प्रत्यय होता है)। प्रत्यय होता है, यदि वह प्रथमासमर्थ काल प्रातिपदिक ...कालयोः -III.i. 148 प्राप्त समानाधिकरण वाला हो तो)। देखें -व्रीहिकालयोः III. 1. 148 कालात् - V. iv. 33 कालविभागे -III. iii. 137 (अनित्य वर्ण में तथा 'रँगा हुआ' अर्थ में वर्तमान) काल कालकृतमर्यादा में (अवरभाग को कहना हो तो भी । प्रातिपदिक से (भी कन् प्रत्यय होता है)। भविष्यकाल में धातु से अनद्यतन के समान प्रत्ययविधि कालाध्वनो: -II. iii.5 नहीं होती, यदि वह काल का मर्यादाविभाग दिन-रात- काल के अर्थ वाले शब्दों में तथा अध्व = मार्गवाची सम्बन्धी न हो)। शब्दों में (द्वितीया विभक्ति होती है, अत्यन्तसंयोग गम्यकालसमयवेलासु-III. iii. 167 मान होने पर)। काल, समय, वेला - ये शब्द उपपद रहते (धात से काले-II. iii. 64 तुमुन् प्रत्यय होता है)। काल (अधिकरण) होने पर (कृत्वसुच अर्थ वाले प्रत्ययों के प्रयोग में षष्ठी विभक्ति होती है, शेषत्व की विवक्षा काला: -II.i. 27 में)। कालवाचक (द्वितीयान्त) शब्द (क्तान्त समर्थ सुबन्त के । साथ विकल्प से समास को प्राप्त होते हैं, और वह । (सप्तम्यन्त सर्व, एक, अन्य, किम्, यत् तथा तत् प्रातितत्पुरुष समास होता है)। पदिकों से) काल अर्थ में (दा प्रत्यय होता है)। काला: -II. 1.5 कालेभ्यः - IV.ii. 33 (परिमाणवाची) काल शब्द (परिमाणीवाची सुबन्त के कालविशेषवाची प्रातिपदिकों से (सास्य देवता' विषय साथ विकल्प से समास को प्राप्त होते है,और वह तत्पुरुष में 'भव' अधिकार के समान प्रत्यय होते हैं)। समास होता है)। कालेषु - III. iv. 57 कालात् - IV. iii. 11 (क्रिया के व्यवधान में वर्तमान असु तथा तृष धातुओं कालविशेषवाची प्रातिपदिकों से (शैषिक ठञ् प्रत्यय से) कालवाची (द्वितीयान्त) शब्द उपपद रहते (णमुल् होता है)। प्रत्यय होता है)।
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy