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________________ ...कतिपय... 144 ...कतिपय... - II. 1.64 कन् - IV. ii. 130 देखें- पोटायुवतिस्तोक II.i.64 (देशविशेषवाची मद्र,वृजि शब्दों से शैषिक) कन् प्रत्यय ...कतिपय... - V. ii. 51 . होता है। देखें- षट्कतिov.ii. 51. कन् - IV. iii. 32 ...कतिपयस्य - II. iii. 33 (सप्तमीसमर्थ सिन्धु तथा अपकर शब्दों से जातार्थ में) देखें- स्तोकाल्पकृच्छ्र II. iii. 33 कन् प्रत्यय होता है। ...कत्य... - III. ii. 143 कन् - IV. iii. 65 (सप्तमीसमर्थ कर्ण तथा ललाट शब्दों से भव अर्थ में देखें - कपलस III. ii. 143 आभूषण अभिधेय हो तो) कन् प्रत्यय होता है। कठ्यादिभ्यः -IV. .94 कठ्यादि प्रातिपदिकों से (शैषिक अर्थों में ढकञ् प्रत्यय कन् - IV. iii. 144 होता है)। (षष्ठीसमर्थ पिष्ट प्रातिपदिक से संज्ञाविषय में विकार ...कत्य... - III. ii. 143 अर्थ कहना हो तो) कन् प्रत्यय होता है। देखें- कष...स्त्रम्भः III. ii. 143 कन् -V.i. 22 (सङ्ख्यावाची प्रातिपदिक से 'तदर्हति पर्यन्त कथित ...कथम्... -III. iv. 27 अर्थों में) कन् प्रत्यय होता है, (यदि वह सङ्ख्यावाची देखें- अन्यथैवंकथ० III. iv. 27 प्रातिपदिक तिशब्दान्त तथा शतशब्दान्त न हो तो)। कथमि-III. iii. 143 ...कन्... - VI. ii. 25 (गर्दा गम्यमान हो तो) कथम शब्द उपपद रहते (विकल्प देखें- अज्यावम० VI. ii. 25 करके लिङ प्रत्यय होता है,तथा चकार से लट प्रत्यय भी। कन् - V.ii.64 होता है)। (सप्तमीसमर्थ आकर्षादि प्रातिपदिकों से 'कुशल' अर्थ कथादिभ्यः - IV.iv. 102. (सप्तमीसमर्थ) कथादि प्रातिपदिकों से (साधु अर्थ में में) कन् प्रत्यय होता है। ठक होता है)। कन्... -V.ili. 51 ' ...कथि... - III. iii. 105 देखें - कन्लुको v. iii. 51 देखें- चिन्तिपूजि० III. iii. 105 कन् - V. iii.64 (युव और अल्प शब्दों के स्थान में विकल्प से) कन कदा... -III. iii. 5 आदेश होता है,(अजादि अर्थात् इष्ठन, ईयसुन् प्रत्यय परे देखें - कदाकहो: III. iii. 5 रहते)। कदाको : -III. iii.5 कन् - V. iii. 65 कदा और कर्हि उपपद रहने पर (भविष्यत् काल में धातु निन्दित' अर्थ में वर्तमान प्रातिपदिक से स्वार्थ में) कन् से विकल्प से लट प्रत्यय होता है)। प्रत्यय होता है, (संज्ञा गम्यमान होने पर)। कद्... - IV.i.71 कन् - V. iii. 81 . देखें - कद्रुकमण्डल्वो: IV.i. 71 (मनुष्यनामधेय जातिवाची प्रातिपदिक से) कन् प्रत्यय कद्रुकमण्डल्वोः IV.i.71 होता है, (नीति तथा अनुकम्पा गम्यमान हो तो)। कदु और कमण्डलु शब्दों से (वेद-विषय में स्त्रीलिंग में कन् – v. iii. 87 ऊ प्रत्यय होता है)। (छोटा' अर्थ में वर्तमान प्रातिपदिक से सज्ञा गम्यमान ...कध्यै... -III. iv.9 . हो तो) कन् प्रत्यय होता है। देखें - सेसेनसे III. iv.9 कन् - v. iii. 95 ...कध्यैन्... -III. iv.9 (अवक्षेपण' अर्थ में वर्तमान प्रातिपदिक से) कन् प्रत्यय देखें- सेसेनसे० III. iv.9 होता है।
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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