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________________ इथुक् इथुक् - V. ii. 53 (वतुप् प्रत्ययान्त प्रातिपदिक को 'पूरण' अर्थ में विहित डट् प्रत्यय परे रहते) इथुक् आगम होता है। इदः - VII. ii. 111 (इदम् शब्द के) इद रूप को (पुल्लिंग में अयु आदेश होता है, सुविभक्ति परे रहते) । इदङ्किमो - VI. iii. 89 इदम् तथा किम् शब्द को (यथासङ्ख्य करके ईश् तथा की आदेश हो जाते है; दृक्, दृश् तथा वतुप् परे रहते) । इदन्तः (वेद- विषय में मस् विभक्ति) इकार आगम अन्तवाली हो जाती है)। • VII. 1. 47 - इदम् - II ii. 26 (सप्तम्यन्त तथा तृतीयान्त समान रूप वाले दो सुबन्त परस्पर) इदम् = यह (इस) अर्थ में (विकल्प से समास को प्राप्त होते है, और वह बहुव्रीहि समास होता है)। इदम् - IV. ill. 119 (षष्ठीसमर्थ प्रातिपदिक से) 'यह' अर्थ में (यथाविहित प्रत्यय होता है) । ... इदम् ... - VI. 1. 165 देखें - ऊडिदम् VI. 1. 165 इदम् ... - VI. ii. 162 देखें- इदमेतत्तo VI. 1. 162 इदम्... - VI. Iii. 89 देखें- इदङ्कियोः VI. III. 89 इदम्... - VII. 1. 11 देखें- इदमदसो: VII. 1. 11 इदमः - II. iv. 32 . ( अन्वादेश में वर्तमान) इदम् के स्थान में (अनुदात्त 'अश्' आदेश होता है, तृतीयादि विभक्तियों के परे रहते)। इदम: - V. iii. 3 (दिक्शब्देभ्यः सप्तमी 'o V. iii. 27 सूत्र तक कहे जाने वाले प्रत्ययों के परे रहते) इदम् के स्थान में (इश् आदेश होता है)। इदम: - Viii. 11 (सप्तम्यन्त) इदम् प्रातिपदिक से (ह प्रत्यय होता है)। इदम: - V. iii. 16 (सप्तम्यन्त) इदम् प्रातिपदिक से (हिंल् प्रत्यय होता है)। 103 इदम: - V. iii. 24 (प्रकारवचन में वर्तमान) इदम् प्रातिपदिक से (स्वार्थ में यमुप्रत्यय होता है। इदम: - VII. iii. 108 इदम् अङ्ग को (सु विभक्ति परे रहते मकारादेश होता है)। इदमदसो - VII. 1. 11 (ककाररहित) इदम् और अदस् के (भिस् को ऐस् नहीं होता) । इदमेतत्तद्भ्यः - VI. ii. 162 बहुव्रीहि समास में ) इदम् एतत् तथा तद् से उत्तर (क्रिया के गणन में वर्तमान प्रथम तथा पूरण प्रत्ययान्त शब्दों को अन्तोदात्त होता है)। इन्. -. इदम्भ्याम् - V. II. 40 देखें किमिदम्भ्याम् VII. 40 इदितः - VII. 1. 58 इकार इत्सव्वक है जिसका ऐसे (धातु) को (नुम् का आगम होता है)। - इदुतौ VIII. II. 106 (ऐच् के स्थान में जब प्लुत का प्रसङ्ग हो तो उस ऐच् के अवयवभूत) इकार व उकार (प्लुत होते हैं)। दुतौ - VIII. II. 107 (दूर से बुलाने के विषय से भिन्न विषय में अप्रगृह्यसञ्ज्ञक एच् के पूर्वार्द्ध भाग को प्लुत करने के प्रसङ्ग में आकार आदेश होता है तथा उत्तरवाले भाग को) इकार तथा उकार आदेश होते है। - · इदुदुपधस्य - VIII. iii. 41 इकार और उकार उपधा वाले (प्रत्ययभिन्न समुदाय) के (विसर्जनीय को भी षकार आदेश होता है; कवर्ग, पवर्ग परे रहते) । इदुद्भ्याम् - III. iii. 117 इकारान्त, उकारान्त (नदीसंज्ञक) से उत्तर (डिङ के स्थान में आम् आदेश होता है)। इन् - III. 1. 24 (कृ' धातु से स्तम्ब और शकृत् कर्म उपपद रहने पर) इन् प्रत्यय होता है। इन्... - VI. iii. 18 देखें इन्सिनातिषु VI. III. 18 -
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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