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________________ २१६. उत्तमकुमार चरित्र, पूर्णसागर / छगनसागर गणाधीश, कथा चरित्र, संस्कृत, १९६५, अन्त बाणांगनंद चन्द्राब्दे...', मु., टिप्पणी - पूर्णसागर की आज्ञा से भगवती लाल ने संस्कृत में अनुवाद किया। २१७. उत्तमकुमार चरित्र, सुमतिवर्द्धनगणि / विनीतसुन्दर, चरित्र, संस्कृत, १९वीं, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा २१८. उत्तमकुमार चौपई, जिनचन्द्रसूरि / जिनेश्वरसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १७०८ गैसलमेर, अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर २१९. उत्तमकुमार चौपई, जिनसमुद्रसूरि / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १७३२, अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर २२०. उत्तमकुमार चौपई, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७४५ पाटण, 'आदि-चरम जिणेसर चित्त धरु..., अन्त-भूतवेद सायर शशी...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. ९०, भाग-३, पृ. ११५४ २२१. उत्तमकुमार चौपई, तत्त्वहंस, रास चौपई, राजस्थानी, १७३१ महाजननगर, अ., ह. विनयचन्द भं., जयपुर, विनय. प्रतिलिपि, कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ८३०७ २२२. उत्तमकुमार चौपई, महिमसिंह (मानसिंह) / शिवनिधान उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६७२ महिम, अ., ह. भट्टारक भं., नागौर २२३. उत्तमकुमार चौपई, महीचन्द्र / कमलचन्द्रगणि लघुखरतर, रास चौपई, राजस्थानी, १५९१ जवणपुर, 'आदि-पहिलउ पणमउ आदि जिण..., अन्त–दानि भोग लाभई जु अपार...', अ., ह. दानसागर - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर, जयचन्द संग्रह, रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर २२४. उत्तमकुमार चौपई, विनयचन्द्रगणि / ज्ञानतिलकगणि जिनसागरसूरिशाखा, रास चौपई, राजस्थानी, १७५२ पाटण, 'आदि-एकदन्तो महावीर्यो..., अन्त–वस्त्र दान नै ऊपरै रे..', मु., विनयचन्द्र कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १०८ २२५. उत्तमपुरुषकुलक, जिनरत्नसूरि / जिनेश्वरसूरि, प्रकरण, प्राकृत, १४वीं, अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर २२६. उत्तराध्ययनसूत्र टीका सर्वार्थसिद्धि, कमलसंयमोपाध्याय / जिनवर्द्धनसूरि, आगम, संस्कृत, १५४४, आदि-श्रीवर्द्धमानजिनराजगुरुक्रमाब्ज..., अन्त–अस्तिचांद्रकुलंनित्य...', मु., विजय धर्मलक्ष्मी ज्ञान मन्दिर, आगरा २२७. उत्तराध्ययन सूत्र दीपिका, चारित्रचन्द्रगणि / जयरङ्गगणि, आगम, संस्कृत, १७२३ रिणी, अ., ह. विनय. प्रतिलिपि २२८. उत्तराध्ययन सूत्र लघुवृत्ति, तपोरत्नगणि / क्षेमकीर्त्तिगणि, आगम, संस्कृत, १५५०, अ., ह. ज्ञान भं., लीबंडी 20 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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