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________________ गीत स्तवन, ६३८६. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, सतरह भेदी पूजा गर्भित शान्तिजिन स्तवन, राजस्थानी, १६८२ फलौदी, अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर, अभय ग्र., बीकानेर ६३८७. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, स्याद्वाद सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा, खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर ६३८८. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, आदीश्वर गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिनयर विनीता राजीयउजी... गा. ६', अ. ६३८९. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, इरियावही मिच्छामि दुक्कडं गर्भित स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ‘आदि- चउवीसमा जिनराय... गा. १४', अ. ६३९०. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, जिनचन्द्रसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिभलरी भलइ आज पूज्य पधारइ... गा. ५', मु., ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. ९० ६३९१. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, जिनचन्द्रसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिसरसति सामिणी वीनवुं... गा. ११', मु., ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. ९३ ६३९२. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, जिनसिंहसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिरंग जागउ जी मोहि जिनसिंहसूरि.... गा. ५', अ. ६३९३. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, जिनसिंहसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिश्री जिनसिंहसूरि जगमोहण... गा. ३', अ. ६३९४. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, दशवैकालिक गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिचतुर्विध संघ सुणउ हितकारक... गा. ६', अ. ६३९५. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिसामलिया सुन्दर देहा... गा. ६', अ.. ६३९६. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, नेमि राजुल गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिजोउ जोउ बहिनी हियइ विचारीनइ... गा. ८', अ. ६३९७. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिपुरसादेय प्रधान ध्यान तुमार हो... गा. ५', अ. ६३९८. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ' आदि–अमृत वचन पूज्य देखणा... गा. ७', अ. राजस्थानी, ६३९९. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीत, गीत स्तवन, १७वीं, ' आदि - तुम्हारे वांदिवउ मुझ मन... गा. ९', मु. गीत स्तवन, राजस्थानी, ६४००. श्रीसुन्दरगणि / हर्षविमलगणि, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीत, १७वीं, 'आदि-भलइरी भलइ आज पूज्य पधारइ... गा. ५', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ४४० 466 Jain Education International खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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