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________________ ६३७३. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, जिनराजसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. महिमाभक्ति - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ६३७४. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, दशबोल सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिस्यादवादमत श्रीजिनवर..., अन्त - रत्न बहु मोलस्या... श्लो. - २१', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ६०८७, महिमाभक्ति - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ६३७५. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, दश श्रावक गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिपहि उठी प्रणमुं दशे..., अन्त - सातमइ अंगई उपदिस्यउ रे...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग - १, पृ. ५३९ ६३७६. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, धर्म विचार सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा १९१८ ६३७७. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, नेमिनाथ बारहमासा, बारहमासा, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. बीकानेर अभय ग्र., ६३७८. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, प्रवचन परीक्षा सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १७वीं, 'गा. ३६', अ., ह. वृद्धिचन्द संग्रह, जैसलमेर ६३७९. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, फलौदी पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, — आदि-परता पूरण प्रणमियइ ..., अन्त - रतनहर्ष सूपसाउलाई ... गा. २१', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग - १, पृ. ५३९ ६३८०. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, बत्तीस दलकमलबंध पार्श्व स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-श्री पार्श्व जिनेश्वर प्रणमउ... गा. ९', अ., ह. महिमाभक्ति - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर, विनय प्रतिलिपि ६३८१. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, मेघकुमार सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिचारित तेई चिंतवै रे हो... गा. १५', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९८१३ ६३८२. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, रोहिणी स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ‘आदि– सासण देवत सांभलिए... गा. २६', अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा, रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९८१३ ६३८३. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, लोकनालगर्भित चन्द्रप्रभ स्तवन, १६८७, ‘गा. ७६', अ., ह. सुमेरमलजी संग्रह, भीनासर ६३८५. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, शत्रुञ्जय स्तवन, अ., ह. नाहर संग्रह, कलकत्ता ६३८४. श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, वासुपूज्य रोहिणी स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७२०, 'आदि-सासण देहि सांभणिये..., अन्त-इम गगन दोय मुनिचन्द्र वरणी... गा. २६', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ८९ राजस्थानी, १७वीं, 'गा. २६', Jain Education International गीत स्तवन, गीत स्तवन, खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only राजस्थानी, 465 www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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