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________________ ५२०८. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-दौलति दाता द्यौ सुखदाता... गा. ३', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २३१, दादागुरु भजनावली, पृ. २९३ ५२०९. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-प्रेम मन धारि नित पहुर... गा. ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २३२, दादागुरु भजनावली, पृ. २९४ ५२१०. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-श्री जिनकुशलसूरि गावो... गा. ३', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २३३, दादागुरु भजनावली, पृ. २९४ ५२११. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनगणधर साधुसाध्वी संख्या स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-आदीसर पहिलो अरिहंत... गा. १९', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २५८ ५२१२. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनचन्द्रसूरि अमृतध्वनि (जिनरत्नीय), गीत स्तवन, ___राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-रतन पाट प्रतपै स्तवन... गा. १', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. ३०६ ५२१३. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनचन्द्रसूरि गहुँली (जिनरत्तीय), गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-धन-धन दिन आज नौ लखै... गा. ९', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २४१ ५२१४. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनचन्द्रसूरि गीत (जिनरत्तीय), गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं , 'आदि-आज खरै उदै मुर्दै सारा... गा. ५', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २३४ ५२१५. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनचन्द्रसूरि गीत (जिनरत्नीय), गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं , 'आदि–थिया कोई दिवस मन कोड करतां थकां... गा. ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २४३ ५२१६. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनचन्द्रसूरि गीत (जिनरत्नीय), गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-चंद जिम सूरि जिणचंद्र चढती कला... ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २३७ ५२१७. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनचन्द्रसूरि गीत (जिनरत्तीय), गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-दे कार करण धर्म राखै... गा. ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २३६ ५२१८. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनचन्द्रसूरि गीत (जिनरत्नीय), गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, आदि-पुण्य परकास परभात प्रगट्यौ प्रगट... गा. ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २३५ ५२१९. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनचन्द्रसूरि गीत (जिनरत्नीय), गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, आदि-राजै खरतरगच्छ राजवी... गा. ७', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २४२ ५२२०. धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, जिनचन्द्रसूरि गीत (जिनरत्तीय), गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं , आदि-साधु आचार सुविचार सखरी... गा. ४', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ. २४३ 380 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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