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________________ ३०७१. हरिश्चन्द्र चौपई, लालचन्दगणि / हीरनन्दनगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६७९ गंगाणी, 'आदि-शुभ मति आप..., अन्त-संवत निधिमुनि ससिकला...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ __ भाग-३, पृ. ९६०, ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ७६५८ ३०७२. हरिश्चन्द्र चौपई, सहजकीर्त्तिगणि / हेमनन्दनगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६९७, आदि___ प्रणमुं फलवधि पास..., अन्त–संवत सोल सत्तानूयइ...', अ. अभय ग्र., बीकानेर, विनय. प्रतिलिपि ३०७३. हरिश्चन्द्र चौपई, हीरनन्दनगणि / जिनसिंहसूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि ___ शुभमति आपो सारदा...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-१, पृ. ४८१ ३०७४. हंसराज बच्छराज चौपई, महिमसिंह (मानसिंह)/ शिवनिधान उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६७५ कोटड़ा, 'आदि-श्री आदीसर जिण तणा..., अन्त-महिमसिंघ सुमति घरी...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ६९७ ३०७५. हंसराज बच्छराज प्रबंध, विनयमेरुगणि / हेमधर्मगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६६९ लाहौर, 'आदि-वीर जिणेसर चरण जिन प्रणमुं..., अन्त-खरतरगच्छ अती दीपतो...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ३०७६. हंसराज बच्छराज रास, जिनोदयसूरि / जिनतिलकसूरि भावहर्ष, रास चौपई, राजस्थानी, १६८०, 'आदि-आदीश्वर आदे करी..., अन्त-श्री खरतरगच्छ गुणनिलौजी...', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ७२१५ ९२५५ आदि, अभय ग्र., बीकानेर, खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर, विनय. प्रतिलिपि ३०७७. हिङ्गलप्रकरण, विनयसागर उ० / सुमतिकलश उ०, प्रकरण, प्राकृत, १७वीं, अ., ह. ___ हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ११४० ३०७८. हितशिक्षा भाषा, भद्रसेन वा., उपदेश, राजस्थानी, १७वीं, अ. . ३०७९. हितोपदेशप्रकरण, प्रभानन्दसूरि / देवभद्रसूरि, उपदेश, प्राकृत, १२वीं, अ., ह. जिनभद्रसूरि • ज्ञान भं., जैसलमेर ९७४ ३०८०. हीराकलश जोइसहीर, हीरकलशोपाध्याय / हर्षप्रभ उ०, ज्योतिष, प्राकृत-राजस्थानी, १६५७, मु., साराभाई मणिलाल नवाब, अहमदाबाद, ह. भावहर्ष भं., बालोतरा ३०८१. हीरावबोध, लब्धोदयगणि / ज्ञानराज उ०, ज्योतिष, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ३०८२. हुण्डिका १२५ बोल (लँकोपरि ), नयरङ्ग वा. / गुणशेखर वा., चर्चा, राजस्थानी, १६२५ वीरमपुर, अ., ह. उदयचन्द संग्रह, जोधपुर ३०८३. हुण्डिकाचौरासी बोल (तकराणामुपरि), नयरङ्ग वा. / गुणशेखर वा., चर्चा, राजस्थानी, १६२५ वीरमपुर, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर 231 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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