SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 165
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२२६. नमि राजर्षि चौपई, क्षेमराजोपाध्याय / सोमध्वज उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६वीं, अ., ह. कान्तिसागरजी संग्रह १२२७. नमि राजर्षि चौपई, साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६३६ नागौर, अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ६९९ १२२८. नमि राजर्षि सम्बन्ध, गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६६० धनेरापुर, अ., ह. पुण्यविजय संग्रह, अहमदाबाद १२२९. नयचक्रसार स्वोपज्ञ बालावबोध सहित, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, सैद्धान्तिक प्रकरण, संस्कृत-राजस्थानी, १८वीं, 'मूल का आदि-प्रणम्य परमब्रह्म..., अन्त-गच्छे श्रीकोटिकाख्ये...', 'बालावबोध का अन्त–सुक्ष्मबोध विणु भविकने...', मु., अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल १२३०. नयचक्रसार वचनिका, हेमराज / लब्धिरङ्ग उ० लघु खरतर, प्रकरण, राजस्थानी, १७२६, 'आदि-वंदो श्री जिन के वचन..., अन्त-श्री मालगच्छ खरतरे...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. १५५६ १२३१. नरदेव चौपई, सहजकीर्त्तिगणि / हेमनन्दन उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १९८२ पाली, अ., ह. केशरियानाथ ज्ञान भं., जोधपुर, रा.प्रा.वि.प्र., जयपुर १८८१ १२३२. नरपतिजयचर्या टीका, पुण्यतिलकोपाध्याय / हर्षनिधान उ०, ज्योतिष, संस्कृत, १८वीं, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा १२३३. नरवर्म चतुष्पदी, विद्याकीर्ति उ० / पुण्यतिलकगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६६८, अ., ___ ह. हिम्मत विजय संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर १२३४. नरवर्मचरित्र, विद्याकीर्ति उ० / पुण्यतिलकगणि, कथा चरित्र, संस्कृत, १६६९, अ., हिम्मत विजय संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर १२३५. नरवर्मचरित्र, विनयप्रभोपाध्याय / जिनकुशलसूरि, कथा साहित्य, संस्कृत, १४१२ खम्भात, 'आदि-आदित्यादिमहामहः समुदयायस्यै..., अन्त–सम्वत्सरे सूर्यसमुद्रचन्द्र...', ह. विनय संग्रह, कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा २६९५, मु., हीरालाल हंसराज, जामनगर १२३६. नरवर्मचरित्र, विवेकसमुद्रोपाध्याय / जिनेश्वरसूरि, चरित्र, संस्कृत, १३२० खम्भात, आदि प्रवज्याप्रमदा..., अन्त–संसेव्यमानं बुधै...', अ., विजय धर्मलक्ष्मी ज्ञान मन्दिर, आगरा, कैलाशसागरसरि ज्ञान मन्दिर, कोबा १३०३७ १२३७. नर्मदासुन्दरी चौपई, भुवनसोमगणि / धनकीर्त्तिगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७०१ नवानगर, 'अन्त-मइ मतिसारइ बोल्या माहरई...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ११३५ १२३८. नर्मदासुन्दरी रास, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७६१ पाटण, 'आदि-वर्द्धमानपुर नाम..., अन्त–संवत सतरई ऐकसठइ समइरे...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. ११३, भाग-३, पृ. ११७४ खरतरगच्छ साहित्य कोश 95 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy