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________________ ६०४. गौतमस्वामी चतुःपदिका, जयसागरोपाध्याय / जिनराजसूरि, रास चौपई, अपभ्रंश, १५वीं, 'आदि-गोयमसामी गुणनिलउ... गा. १३', अ., ह. विनय प्रतिलिपि ४१६ (२३) ६०५. गौतम स्वामी छन्द, मेरुनन्दनोपाध्याय / जिनोदयसूरि, स्तोत्र, अपभ्रंश, 'आदि-सुरतरु जिम नयवन्तु मुणिः..., अन्त–सोग गुरिय दोहग्ग दुरन्त नासइ... गा. १०', अ., ह. हर्षचन्द्रसूरि पार्श्वचन्द्रगच्छ भं., खम्भात ६०६. गौतमस्वामी रास, जयसागरोपाध्याय / जिनराजसूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १५वीं, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २७४२२ ६०७. गौतमस्वामी रास, लक्ष्मीकीर्त्तिगणि / लब्धिमण्डनगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, 'अन्त–महिमा श्री गौतम नाम तणी... गा. ३१', अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर, रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९८१३ ६०८. गौतमस्वामी रास, विनयप्रभोपाध्याय / जिनकुशलसूरि, रास, अपभ्रंश, १४१२ खम्भात, 'आदि-वीर जिणेसर चरण कमल कमलाकय वासउ..., अन्त-कुंकुम चन्दन छड़ो दिवरावउ...', मु., गौतम रासः परिशीलन, ह. हर्षचन्द्रसूरि पार्श्वचन्द्रगच्छ भं. खम्भात, पृ. ४३५-४३८ ६०९. गौतमस्वामी रास हिन्दी अनुवाद, मूल विनयप्रभोपाध्याय, अनुवादक - म. विनयसागर, रास, हिन्दी, २१वीं, ह. गौतम रास परिशीलन, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर ६१०. गौतम स्वामी स्तोत्र, मेरुनन्दनोपाध्याय / जिनोदयसूरि, स्तोत्र, अपभ्रंश, 'आदि-अट्ठछन्द दसदुहड़ा..., अन्त-गोयम सामिउ मइ थुणिउ... गा.', अ., ह. हर्षचन्द्रसूरि पार्श्वचन्द्रगच्छ भं., खम्भात, पृ. ४३१ ६११. गौतमीय महाकाव्य, रामविजयोपाध्याय (रूपचन्द्र) / दयासिंहगणि, काव्य, संस्कृत, १८०७ जोधपुर, 'अन्त–संवच्छैल वियगजोमुप मिते मासे...', मु., देवचन्द लालभाई पु. ___फण्ड, सूरत, ह. विनय. प्रतिलिपि, बालचन्द्र संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., चित्तौड़ ३३८ ६१२. गौतमीयमहाकाव्य टीका, क्षमाकल्याणोपाध्याय / अमृतधर्म उ०, काव्य, संस्कृत, १८५२ जैसलमेर, आदि-अनन्त विज्ञानमयं विशुद्धं..., अन्त–बाहुज्ञानवसुक्षमा प्रतिमिते...', मु., देवचन्द लालभाई पु. फण्ड, सूरत, ह. विनय. प्रतिलिपि, बालचन्द्र संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., चित्तौड़ ६१३. ग्रहलाघवसारिणी टिप्पण, राजसोमोपाध्याय / जयकीर्त्तिगणि, ज्योतिष, संस्कृत, १८वीं, अ., ह. धरणेन्द्रसूरि संग्रह, जयपुर ६१४. ग्रहायुः, पुण्यतिलकोपाध्याय / हर्षनिधान उ०, ज्योतिष, संस्कृत, १८वीं, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ६१५. घंघाणी पद्मप्रभ अर्जुन पार्श्वस्तोत्र, लब्धिकल्लोल उ० / विमलरङ्ग उ०, स्तोत्र, संस्कृत, १६६६, 'गा. २५', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ६१६. चउपर्वी चौपई, समयप्रमोदगणि / ज्ञानविलासगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६७३ झूठाग्राम, अ., ह. महिमाभक्ति - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर । खरतरगच्छ साहित्य कोश 49 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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