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________________ २८६ अमरकोषः। [हितीवकान्डे-१ अश्वारोहास्तु सादिनः ॥ ६० ।। २ अटा योधाश्च योद्धारः ३ सेनारक्षास्तु सैनिकाः । ४ सेनायां समवेता ये सैन्यास्ते सैनिकाच ते ॥ ६१ ॥ ५ बलिनो ये सहनेण साहघ्रास्ते सहनिमः। ६ परिधिस्थः परिचरः ७ सेनानीर्वाहिनीपतिः ।। ६२ ।। ८ कञ्चको वारबाणोऽस्त्री ९ यत्तु मध्ये सकञ्चुकाः । बानन्ति तत्सारसनमधिकाझ१०ऽथ शीर्षकम् ।। ६३ ॥ शीर्षण्यं च शिरस्त्रे १ अश्वारोहः, सादी ( = सादिन् । २ पु), 'घुड़सवार' के २ नाम हैं । २ मटा, योधः, योद्धा (= योद्ध । ३ पु), 'लड़नेवाले वीर' के ३ नाम है। ३ सेनारपः, सैनिकः (२ पु), 'सेनाके पहरेदार के २ नाम हैं ॥ ४ सैन्यः, सैनिकः (२ पु), 'सैनिक' अर्थात् 'सेनामें रहनेवाले' के . नाम हैं। ५ साहस्त्रः, सहस्री ( = सहस्निन् । २ पु ), 'एक हजार योद्धाओवाले सूबेदार आदि' के २ नाम हैं ॥ ६ परिधिस्थः, परिचरः (२ त्रि), 'अपराधी सैनिकोको दण्ड देनेके लिये राजा से नियुक्त पुरुष' के २ नाम हैं । ७ सेनानी:, वाहिनीपतिः (२ पु ), 'सेनापति' के २ नाम हैं। ८ कन्चुकः (पु), वारबागः (पु न ), 'शत्रुके प्रहारसे बचनेके लिये लोहे आदिके बनाये हुए सन्नाह, झूल' के दो नाम हैं ॥ ९ सारसनम् (न), अधिकाङ्गः (+ अधिपाः , विपाङ्गः । पु), 'झूल ( कवच ) को स्थिर रहनेके लिये कमर कसनेकी पट्टी आदि' के २ नाम हैं। .. शीर्षकम् , शीर्षण्यम् , शिरस्त्रम् (३), 'लड़ाई के समय पहने जानेवाले टोप, या टोपीमात्र' के ३ नाम हैं ॥ १. 'तत्सारसनमधिपागोऽय' इति पाठान्तरम् ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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