SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 143
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ११४ अमरकोषः। द्वितीयकाण्डे१ प्राकारो घरण 'सान्नः २ प्राचीन प्रान्ततो वृतिः ॥ ३॥ ३ भित्तिः स्त्री कुड्यहमेडूक यदन्तय॑स्तकीकलम् । ५ गृहं गेहोदवसितं वेश्म सद्म निकेतनम् ॥४॥ निशान्तवस्त्यसदनं भवनागारमन्दिरम् । गृहाः पुंसि च भूम्न्येव . निकाय्यनिलयालयाः ॥ ५॥ ६ वासः कुटी द्वयोः शाला सभा ७ संजवनं त्विदम् । चतुःशालं ८ मुनीनां तु पर्णशालोटजोऽस्त्रियाम् ॥ ६ ॥ प्राकारः, वरणः, साल: { + शालः । ३ पु), बाँस या काँटा आदि. के घेरे में ३ नाम हैं । २ प्राचीनम् ( + प्राचीरम् । न ), 'काँटा आदिसे घिरे हुए नगरके समीपवाले स्थान' का १ नाम है ॥ ३ भित्तिः (स्त्री), कु.डयम् (न), 'दीवाल' के २ नाम हैं। ४ एडूकम् ( + पहुकम्, एडोकम् । न ), 'मजबूतीके लिये भीतरमें हड्डी, लोहा. लकड़ी या टीन आदि देकर बनाई हुई दीवाल' का १ नाम है॥ ५ गृहम, गेहम् , उतारितम्, वेश्म ( = वेश्मन् ), सद्म ( = सन् ) निकेतनम्, निशान्तम्, वस्त्यम् (+ पस्त्यम्, बस्त्यम् ) सदनम् (+ सादनम) भवनम, अगारम्, मन्दिरम् (१२ ), गृहाः (पु नि. ब. व.), निकारयः ( + निकायः ), निलयः, आलयः ( ३ पु), 'मकान' के १६ नाम हैं । ६ वासः (पु), कुटी (कुटिः। पु स्त्री), शाला, सभा (२ स्त्री), 'सभाभवन या बैठकखाना' के ४ नाम हैं। ('गृहम..........' २० नाम 'मकान' ही के हैं, यह भी मत है')॥ ७ संजवनम्, चतुःशालम् ( + चतुःशाला, स्त्री। २१), चौतरफा घर. वाले स्थान' के २ नाम हैं । ८ पर्णशाला (स्त्री ।+न), उटजः (पु न), 'पत्तोंसे बनाई हुई साधुओंकी कुटी' के २ नाम हैं । १. 'सालः प्राचीरं' इति पाठान्तरम् ।। २. 'कुलोदवसितं पस्त्यम्' इति वाचस्पत्यनुरोधात्-'निशान्तपस्स्यसदनम्' इत्यपीति क्षी० स्वा० माह॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy